डीएनए हिंदीः कई बार ब्लड में शुगर बढ़ने की वजह केवल खानपान ही नहीं होता है, बल्कि इसकी वजह इंसुलिन पेनक्रियाज से कम निकलना या इंसुलिन सेंसिटिविटी भी होती है. दोनों ही स्थितियों में इंसुलिन निष्क्रिय होने से ब्लड में शुगर का स्तर बढ़ने लगता है.
इंसुलिन एक्टिवेट न होने से खाई गई चीजें तुरंत ग्लूकोज में बदल कर ब्लड में समाहित हो जाती हैं. इंसुलिन एक जरूरी हॉर्मोन है जिसके बिना शुगर को कंट्रोल करना नामुकिन होता है. डायबिटीज की वजह ही इंसुलिन का निर्माण या कम एक्टिव होना होता है. अगर आपके शरीर में इंसुलिन कम बन रहा है तो आपके लिए कुछ आयुर्वेदिक औषधियां बहुत काम आएंगी. तो चलिए जानते हैं इन हर्ब्स के बारे में.
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अंजीर के पत्ते (Fig Leaves)
शुगर आपकी हाई रहती है तो आपको अंजीर ही नहीं, उसके पत्ते का चूर्ण भी खाना शुरू कर देना चाहिए. एंटी-डायबिटिक गुणों से भरे अंजीर के पत्ते इंसुलीन को एक्टिवेट कर ब्लड में शुगर की मात्रा को संतुलित करते हैं. साथ ही ये इंसुलिन सेंसिटिविटी को दूर करते हैं. रोज सुबह बासी मुंह इसे आप किसी भी रूप में ले सकते हैं. चाहे तो इसके कच्चा चबा लें या इसके रस या पाउडर का सेवन करें.
स्टीविया या मीठी तुलसी (Stevia Plant)
स्टीविया की पत्तियां बेहद मीठी होती हैं लेकिन ये इंसुलिन एक्टिवेटर होती हैं. इसे मीठी तुलसी के नाम से भी जाना जाता है. डायबिटीज में इसकी पत्तियों का सेवन शुगर को कम करने के साथ ही इंसुलिन सेंसिटिविटी को भी दूर करता है. इसकी पत्तियां नेचुरल स्वीटनर होती हैं.
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लौंग (Cloves)
लौंग का सेवन अगर आप किसी भी रूप में करें तो आपका डायबिटीज हमेशा कंट्रोल में रहेगा. एंटीऑक्सीडेंट और एंटी इंफ्लेमेटरी गुणों से भरा लौंग इंसुलिन एक्टिवेटर होता है. ब्लड से जुड़ी कई समस्याओं में ये बहुत काम आता है. हाई कोलेस्ट्राल से लेकर खून की गंदगी साफ करने तक में ये उपयोगी है. आप लौंग का पाउडर या लौंग की चाय पीना शुरू कर दें. इंसुलिन ब्लड में हमेशा शुगर को कंट्रोल रखेगा.
मेथी (Fenugreek)
मेथी पाचन तंत्र से लेकर हाई ब्लड शुगर, कोलेस्ट्रॉल और यूरिक एसिड में दवा की तरह काम करती है. ये शरीर में इंसुलिन प्रतिरोध को संतुलित करने में बहुत कारगर है. मेथी के पाउडर का सेवन करने से प्री.डायबिटीज वाले लोगों को बहुत फायदा मिलता है. मेथी का पानी पीने से वजन कम होता है और शरीर के चयापचय में सुधार होता है. प्री-डायबिटीज और डायबिटीज के मरीज मेथी का सेवन इंसुलिन सेंसिटिविटी को ठीक करने और ब्लड शुगर को कंट्रोल करने के लिए कर सकते हैं.
दालचीनी (Cinnamon)
दालचीनी का इस्तेमाल ज्यादातर घरों में मसाले के रूप में किया जाता है. दालचीनी को आयुर्वेद में बहुत प्रभावी औषधि के रूप में भी इस्तेमाल किया जाता है. शरीर में इंसुलिन सेंसिटिविटी में सुधार करने और ब्लड शुगर के स्तर को कंट्रोल में रखने के लिए दालचीनी का इस्तेमाल बहुत फायदेमंद होता है. कई शोध और अध्ययन भी इस बात की पुष्टि करते हैं कि दालचीनी का सेवन करने से वजन कम करने में फायदा मिलता है और ब्लड शुगर को स्तर को कंट्रोल में रखने में फायदा मिलता है. दालचीनी में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट गुण कई समस्याओं में फायदेमंद होते हैं. हालांकि दालचीनी का सेवन ब्लड शुगर को नियंत्रित करने और इंसुलिन प्रतिरोध में सुधार करने के लिए बिना डॉक्टर की सलाह के नहीं करना चाहिए.
नोटः अगर आपको दालचीनी, लौंग या मेथी की ताजी पत्तियां मिल जाएं तो इनका प्रयोग आप करें और अगर यह नहीं मिल पाती तो इनका पाउडर भी उपयोग कर सकते हैं. लौंग या दालचीनी की चाय भी पी जा सकती है.
(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें.)
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Diabetes : इंसुलिन को तुरंत एक्टिवेट कर देंगी ये पत्तियां, चबाकर खाते ही कम होगा शुगर