डीएनए हिंदीः अगर आपके फेफड़े जवाब दे रहे हैं या ब्लड शुगर और कोलेस्ट्रॉल कंट्रोल नहीं हो रहा तो आपके लिए एक पौधा ऐसा है जो अमृत समान काम करेगा. डैमेज हो चुके लंग्स को भी पौधे नया बना सकता है. नसों मे वसा के जमने से लेकर हाई ब्लड प्रेशर और ब्लड से जुड़ी बीमारियों में ये दवा की तरह काम करता हैं. यानी आप नेचुरली अपनी बीमारी को दूर कर सकेंगे.
खास बात ये है कि ये देसी पौधा आपको कहीं भी सड़क या जंगल में झाड़ी के रूप में मिल सकता है. इसमें डायबिटीज से लेकर किडनी की पथरी जैसी कई गंभीर बीमारियों की ठीक करने की अद्भुत क्षमता होती है.
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अगर आप अब तक तुलसी या अश्वगंधा जैसे आयुर्वेदिक पौधों का ही उपयोग करते रहे हैं तो आपके लिए इस पौधे की जादुई शक्ति को भी जान लेना चाहिए. औषधीय गुणों वाला पौधा बारलेरिया प्रायोनाइटिस (Barleria prionitis) को वज्रदंती (vajradanti) के नाम से जाना जाता है. ये दांत दर्द, खून की कमी एनीमिया, सांप के काटने, डायबिटीज, फेफड़ों की बीमारी और खून से जुड़े रोगों का इलाज कर सकते हैं. चलिए जानते हैं वज्रदंती के गुण, लाभ और इस्तेमाल के बारे में.
वज्रदंती के औषधीय गुण
वज्रदंती पौधे के फूल, पत्ते, तने और जड़ों का उपयोग आयुर्वेद में विभिन्न औषधियों को बनाने के लिए किया जाता है. इस पौधे में फ्लेवोनोइड्स, फेनोलिक, इरिडोइडल और फेनिलथेनॉइड ग्लाइकोसाइड्स यौगिक पाए जाते हैं. साथ ही यह एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटीबैक्टीरियल, एंटीडायबिटिक, एंटीऑक्सिडेंट, एंटिफंगल, हेपेटोप्रोटेक्टिव, एंटीप्लास्मोडियल और एंटीऑक्सिडेंट गुणों का खजाना है.
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इन बीमारियों में वज्रदंती करती है दवा का काम
दांत दर्द, एनीमिया यानी खून की कमी, सांप के काटने, डायबिटीज, फेफड़ों की बीमारियां, ब्लड डिसऑर्डर, कब्ज, जोड़ों का दर्द, किडनी की पथरी, तनाव, बाल झड़ने और सूजन जैसी घातक समस्याओं का इलाज करने की क्षमता होती है. साथ ही सूजन, घाव, जलन, मसूड़े की सूजन, रात में स्खलन और डायबिटीज में दवा के रूप में उपयोग किया जाता है. खांसी, त्वचा संक्रमण, एनीमिया और तपेदिक में भी इसकी सिफारिश की जाती है.
कैसे करें वज्रदंती का इस्तेमाल
सूजन को कम करने के लिए इसकी पत्तियों का बड़े पैमाने पर उपयोग किया जाता है और दांत दर्द में राहत के लिए चबाया भी जाता है. बुखार और कफ में पौधे के रस का उपयोग किया जाता है. बारिश या ठंड के मौसम में पैर फटने से बचाने के लिए इसका लेप पैरों पर लगाया जाता है. जड़ का काढ़ा खून की कमी और खांसी में उपयोग किया जाता है.
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(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें.)
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