आज के दौर में स्क्रीन और टेक्नोलॉजी के बिना जीवन असंभव सा लगता है. लेकिन लोगों के लिए अब स्क्रीन टाइम एक बहुत ही बड़ा एडिक्शन (Screen Addiction) बन चुका है. बड़ों से लेकर बच्चों तक, लोग अब अपना ज्यादातर समय मोबाइल, लैपटाप और टीवी की स्क्रीन (Over Screen Time) देखते हुए बिताते हैं. इसके कारण लोगों को सेहत से जुड़ी कई गंभीर बीमारियों का सामना करना पड़ रहा है. बता दें कि आंखों के साथ ये ब्रेन (Effects Of Excessive Screen Time) पर भी बुरा असर डालता है.
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बहुत ज्यादा स्क्रीन पर समय बिताने की वजह से लोगों में डिजिटल डिमेंशिया जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ रहा है. एक्सपर्ट्स के मुताबिक डिजिटल डिमेंशिया एक मानसिक समस्या है. इस ब्रेन डिसऑर्डर के कारण लोगों को गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ता है.
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यह एक ऐसी बीमारी है जो दिमाग को बुरी तरह से प्रभावित करती है, जिसे एक तरह का ब्रेन डिसऑर्डर कहा जाता है. ऐसी स्थिति में मरीज को मेमोरी लॉस, निर्णय क्षमता कम होना, पर्सनेलिटी में बदलाव और दैनिक क्रिया करने में दिक्कत होने जैसी समस्याएं पैदा होती हैं, इसे ही डिमेंशिया कहा गया है.
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एक्सपर्ट्स के मुताबिक बहुत ज्यादा समय स्क्रीन के सामने बैठे रहने से मस्तिष्क कम एक्टिव हो जाता है और जब हम मोबाइल या लैपटॉप जैसी चीजों का इस्तेमाल बहुत अधिक करते हैं तो इसकी वजह से ब्रेन में एक प्रकार का सेंसर मिसमैच होने लगता है और यही डिजिटल डिमेंशिया का कारण बनता है.
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इसके लक्षणों में शॉर्ट टर्म मेमोरी, चीजों को आसानी से भूलना या खो देना, किसी शब्द या बात को याद करने में दिक्कत होना, मल्टी टास्किंग में समस्या हर छोटे बड़े काम के लिए गूगल का इस्तेमाल, फोन नंबर जैसी बेसिक चीजें याद रखने में असक्षम, फोकस करने में कमी आदि शामिल हैं. वहीं बच्चों की ग्रोथ में रुकावट और बच्चों की भाषा सीखने की गति धीमी पड़ जाना जैसे लक्षण दिखें तो नजरअंदाज न करें.
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इससे बचाव के लिए सोने से पहले और सुबह उठने के बाद कुछ समय फोन से दूर रहें और सुडोकू, चेस जैसे खेल खेलें, जरूरत से ज्यादा स्क्रीन पर समय न बिताएं, फोन की जगह जरूरी फोन नंबर और ग्रॉसरी लिस्ट को कागज पर लिखें. इसके अलावा बिंज वॉचिंग से बचें और अच्छी नींद लें.
Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ से परामर्श करें.