निपाह वायरस एक जूनोटिक वायरस है यानी यह जानवरों से इंसानों में फैल सकता है. झूठा खाना खाने पर यह एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति को भी हो सकता है. इसकी मृत्यु दर कोविड सहित अन्य वायरस की तुलना में अधिक है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) निपाह वायरस को लेकर चेतावनी जारी की है. तिरुवनंतपुरम स्वास्थ्य विभाग निपाह वायरस (Nipah Virus) को लेकर एक्शन मे आ गया है. अस्पतालों में भी इस वायरस के रोगियों की निगरानी बढ़ाने का आदेश दिया गया है.
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निपाह वायरस का पहला मामला 1999 में मलेशिया और सिंगापुर में दर्ज किया गया था. इस वायरस के मामले भारत और बांग्लादेश समेत पूरे भारत में बढ़ रहे हैं. माना जा रहा है कि इस वायरस के केवल 10% मरीजों से ही यह बीमारी फैलती है. हालांकि डॉक्टरों ने भी अभी तक स्पष्ट नहीं किया है कि इस वायरस को कौन से कारक प्रभावित करते हैं और कौन से नहीं.
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निपाह वायरस के संक्रमण के बाद 4 से 14 दिनों तक बुखार रहता है. इसके अलावा सिरदर्द, खांसी, गले में खराश, सांस फूलना और उल्टी आना भी इस वायरस के लक्षणों में शामिल है.
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अनुमान के मुताबिक, 40 से 75 फीसदी मामलों में यह वायरस घातक होता है. प्रकोप की तीव्रता इस बात से निर्धारित होती है कि प्रभावित क्षेत्र में मामलों को कितनी अच्छी तरह से संभाला जा रहा है. वायरस के संपर्क में आने के महीनों या सालों बाद भी इस वायरस के लक्षण दिख सकते हैं.
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निपाह वायरस सूअर, घोड़े, बकरी, भेड़, बिल्ली और कुत्तों सहित चमगादड़ों जैसे अन्य जानवरों से फैलता है. यह एक इंसान से दूसरे इंसान को भी हो सकता है. निपाह वायरस जानवरों के शारीरिक तरल पदार्थों या उनकी नाक, श्वसन बूंदों, पेशाब या खून से भी फैल सकता है.
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डॉक्टर इस वायरस के अधिक लक्षणों का पता लगाने के बाद ही इसाज करते हैं क्योंकि वायरस के शुरुआती लक्षण अन्य बीमारियों के संकेत भी हो सकते हैं. आरटी-पीसीआर सहित विभिन्न प्रकार के परीक्षणों का उपयोग करके वायरस का पता लगाया जा सकता है.
निपाह वायरस का प्रारंभिक चरण में पता लगाने के लिए गले या नाक के सैम्पल का उपयोग किया जाता है. वहीं बाद के चरणों में या ठीक होने के बाद एंजाइम-लिंक्ड इम्युनोसॉरबेंट टेस्ट किया जाता है.
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निपाह वायरस के संक्रमण के इलाज के लिए वर्तमान में कोई दवा या टीकाकरण उपलब्ध नहीं है. ऐसे में डॉक्टर आराम करने और ज्यादा पानी पीने जैसी सलाह देते हैं.
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Nipah Virus: जानिए इसके, लक्षण, इलाज और बचाव करने के तरीके