डीएनए हिंदी: दिनचर्या के साथ ही खराब खानपान की वजह से सेहत संबंधित समस्याएं बढ़ती जा रही है. आए दिन हार्ट अटैक से लेकर स्ट्रोक से मौतों का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है. इसकी वजह हमारा रोज का खानपान है. इस पर ध्यान देकर हम दिल के दौरे से लेकर कई गंभीर बीमारियों से बच सकते हैं. विश्व स्वास्थ्य संगइन यानी डब्ल्यूएचओ भी इसको लेकर चेतावनी दे चुका है, जिसमें साफ कहा गया है कि दुनिया में करीब पांच अरब लोग ट्रांस फैट का सेवन करते है. इसका सेवन हार्ट से जुड़ी समस्याओं को बढ़ाता है. डब्ल्यूएचओ ने सभी देशों से ट्रांस फैट का इस्तेमाल करने पर रोक लगाने की अपील भी की है. साथ ही चेतावनी भी दी कि अगर ऐसा नहीं हुआ तो दुनिया में 5 अरब से भी ज्यादा लोग दिल की बीमारी से मौत के मुंह में जा सकते हैं.
5 साल पूर्व WHO ने भांप लिया था खतरा
डब्ल्यूएचओ ने आज से 5 साल पूर्व 2018 में दुनिया के सभी देशों से फैटी एसिड पर रोक लगाने की अपील की थी. इसकी वजह डब्ल्यूएचओ द्वारा इस से खतरे को भांपना था. इसमें कहा गया कि पिछले कुछ सालों में दिल की बीमारियों से करीब पांच लोगों की जान गई है. इसकी वजह फैटी एसिड है. इसका खतरा अभी और भी बढ़ता जा रहा है. हालांकि आप अपने खानपान में बदलाव कर इन बीमारियों से बचाव किया जा सकता है. डब्ल्यूएचओ के अनुसार, दुनिया में पांच अरब से भी ज्यादा लोग अभी भी फैटी एसिड का सेवन कर रहे हैं. ऐसे में उनकी जान पर गंभीर बीमारियों का खतरा बना हुआ है.
जानिए क्या होता है ट्रांसफैट
ट्रांस फैट एक तरह का असंतृप्त वसा अम्ल यानी अनसैचुरेटेड फैटी एसिड होता है. इस से सेहत को नुकसान नहीं होता, लेकिन उद्योग द्वारा खाद्य के रूप में उपयोग किए जाने पर यह एक तरह का धीमा जहर बन जाता है. जो हमारे शरीर में कई गंभीर बीमारियों को न्यौता देता है. इतना ही नहीं यह दिल के लिए सबसे ज्यादा खतरनाक होता है. ट्रांस फैट को तरल वनस्पति तेलों में हाइड्रोजन मिलाकर तैयार किया जाता है. हाईड्रोजन मिलाने की वजह इसकी लाइफ बढ़ाने से लेकर ठोस बनाने के लिए किया जाता है. यही क्रिया सबसे ज्यादा खतरनाक है.
भूलकर भी नहीं खाना चाहिए ट्रांस फैट, मौत है वजह
डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक टेडरोस अदनोमा गेब्रेहेसुस ने एक रिपोर्ट को आधार बनाते हुए कहा कि ट्रांस फैट को इस्तेमाल खाने में भूलकर भी नहीं करना चाहिए. यह हमारे शरीर में तुरंत नहीं, लेकिन धीरे धीरे जहर का काम करता है, जिसकी वजह से मौत पक्की है. उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया को इसके बनाने और खाने पर बैन लगा देना चाहिए. ट्रांस फैट वाले खाद्य पदार्थ बहुत ही खतरनाक होते हैं. इनकी वजह से स्वास्थ्य सेवाओं पर भी बोझ बढ़ता है.
ट्रांस फैट के खिलाफ भारत ने भी शुरू की नीतियां बनाना किया शुरू
डब्ल्यूएचओ की 2018 में ट्रांस फैट को लेकर जारी चेतावनी के बाद ही दुनिया के 60 देशों ने नीतियां बना ली थी. इन नीतियों को लागू भी किया गया. वहीं अभी भी बहुत से देश ऐसे हैं, जहां पर इन नीतियों को अपनाया नहीं गया है. वहीं भारत से लेकर फिलीपींस, यूक्रेन, बांग्लादेश समेत अन्य दूसरे देशों ने इसे अपनाना शुरू कर दिया है.
(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें.)
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