डीएनए हिंदी: कोरोनावायरस ने पूरी दुनिया को हिलाकर रख दिया था. चीन में अभी भी कोरोना के मामले सामने आ रहे हैं और चीन की अर्थव्यवस्था ठप पड़ चुकी है. इस बीच एक नया वायरस सामने आ गया है जो कि मारबर्ग नाम का है. इसको लेकर अहम और डरावनी बात यह है कि यह इबोला की तरह ही खतरनाक माना जा रहा है. इसके चलते ही विश्व स्वास्थ्य संगठन भी एक्टिव हो गया है और इक्वेटोरियल गिनी में मारबर्ग रोग के पहले प्रकोप की पुष्टि की है और छोटे पश्चिमी अफ्रीकी देश में कम से कम नौ मौतों के लिए इबोला से संबंधित वायरस को वजह बताया है जो कि लोगों के लिए
इस मामले में डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट सामने आई है. इस रिपोर्ट के मुताबिक इस बीमारी में हेमरेजिक फीवर होता है जो बहुत ज्यादा तेजी से फैलता है.मारबर्ग वायरस की बात करें तो एक संक्रामक बीमारी है, जो इबोला वायरस के परिवार से जुड़ा हुआ है. ये वायरस रक्तस्रावी बुखार का कारण बनता है, जिसमें मृत्यु दर 88 प्रतिशत तक होती है. वायरस की चपेट में आने पर शरीर के अंदरूनी या बाहरी हिस्सों में ब्लीडिंग शुरू हो सकती है.
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क्या है बीमारी के लक्षण
डब्ल्यूएचओ ने बताया है कि यह भी कहा कि वर्तमान में बुखार, थकान, दस्त और उल्टी सहित लक्षणों के साथ नौ मौतें और 16 संदिग्ध मामले हैं. इस वायरस के लक्षण की बात करें तो मारबर्ग वायरस के कारण होने वाली बीमारी में अचानक तेज बुखार, सिरदर्द और गंभीर दिक्कतें आती हैं.
जानकारी के मुताबिक कई पेशेंट में सात दिनों के अंदर गंभीर रक्तस्रावी लक्षण विकसित हो जाते हैं. जानकारी के मुताबिक इसके कुछ दूसरे लक्षण भी हैं जिसमें ठंड लगना, बेचैनी, सीने पर लाल रैशेज, जी मिचलाना, उल्टी, सीने में दर्द, गले में सूजन, पेट दर्द और डायरिया शामिल है.
कैसे फैलती है ये बीमारी
रिपोर्ट के मुताबिक मारबर्ग वायरस चमगादड़ों में उत्पन्न होता है और संक्रमित लोगों, सतहों और सामग्रियों के शारीरिक तरल पदार्थों के सीधे संपर्क से व्यक्तियों में फैलता है. इस वायरस की पहली बार पहचान सन 1967 में की गई थी और अब यह एक बार फिर खतरनाक होता जा रहा है.
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इलाज और बचाव के क्या हैं विकल्प
इस वायरस के लिए कोई टीका नहीं बना है. इस वायरस से बचाव के लिए बताया गया है कि लोग मास्क का ज्यादा ध्यान रखें और हाथों को भी साफ रखते हुए ग्लव्स रखें. सीधे तौर पर कहें तो कोरोना के बचाव के उपाय ही यहां भी लागू होंगे.
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