डीएनए हिंदी: जो लोग यूरिक एसिड की समस्या से जूझ रहे हैं. उन्हें अपनी डाइट से हाई प्रोटीन चीजों को हटाने की सलाह दी जाती है. ये लोग दाल से दूरी बनाकर रखते है. क्योंकि दाल में प्रोटीन बहुत अधिक मात्रा में पाया जाता है. आज हम आपको एक ऐसा नुस्खा बताएंगे, जिसको अजमाकर दाल का सेवन किया जा सकता है. पत्ते का उपयोग साउथ इंडियन खानों में विशेष रूप से किया जाता है. अगर आप इसका तड़का दाल के साथ लगाते हैं तो यह यूरिक एसिड के मरीजों के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है. इसका कारण है कि यूरिक एसिड की समस्या होने पर करी पत्तों का सेवन फायदेमंद माना जाता है, जिसकी वजह से यूरिक एसिड कंट्रोल में किया जा सकता है.
अगर दाल में करी पत्ते का इस्तेमाल करते हैं तो ये दाल से निकलने वाली गैस को कम करने में लाभ दायक हैं. साथ ही करी पत्ता एंटीऑक्सीडेंट अर्क यूरिया, यूरिक एसिड और क्रिएटिनिन के होने वाले नुकसान को कम करता हैं.
यूरिक एसिड बढ़ने की सबसे बड़ी वजह प्यूरीन होता है, जिसकी वजह से यूरिक एसिड काफी तेजी से बढ़ता हैं. ऐसे में करी पत्ते में मिलने वाले कैरियोफिलीन, मुर्रेयानोल और अल्फा-पिनीन जैसे कई तत्व एंटीऑक्सीडेंट के जैसे काम करता हैं. यह प्यूरीन को बाहर निकालने में आपकी मदद करते हैं
पाचन एंजाइम्स को बढ़ाने में मदद करता हैं
करी पत्ते में कई पोषक तत्व हैं, जो पेट के पाचक एंजाइम्स को सही करते हैं. इसके साथ ही प्यूरिन को शरीर में नहीं रुकने देते हैं. इसमें मिलने वाले प्रोटीन मेटाबोलिज्म और एंटीइंफ्लेमेटरी जोड़ो के दर्द को भी कम करते हैं.
(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें.)
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यूरिक एसिड के मरीज इस पत्ते को डालकर करें दाल का सेवन, नुकसान की जगह सेहत को होगा फायदा