डीएनए हिंदी: नॉर्वेजियन यूनिवर्सिटी ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी (Norwegian University of Science and Technology) की एक नई स्टडी में दावा किया गया है कि पुरुषों की तुलना में महिलाएं सिरदर्द (Headache) का ज्यादा शिकार होती हैं. स्टडी में सामने आया है कि 2.9% पुरुषों की तुलना में 6% महिलाओं (Female health Issues) को सिरदर्द की बीमारी ज्यादा सताती है. साथ ही महिलाओं में पुरुषों की तुलना में माइग्रेन (Migraine) से पीड़ित होने की संभावना दोगुनी हो जाती है. माइग्रेन सामान्य बीमारी नहीं है, इसमें तेज सिरदर्द के साथ मितली, तेज रोशनी, धुंधलापन जैसी समस्याएं एक साथ उत्पन्न होती हैं.
शोधकर्ताओं में इसका कारण हार्मोन में बदलाव को माना है, वह इसलिए क्योंकि शरीर में एस्ट्रोजन (Migraine and Estrogen) में हुई उतार-चढ़ाव से सिर दर्द बढ़ जाता है. शोधकर्ताओं के अनुसार दुनिया की 17% महिलाएं माइग्रेन की शिकार हैं और आमतौर पर माइग्रेन तीन दिनों तक रहता है. इसके लक्षणों में उल्टी और तेज सिरदर्द शामिल है . पुरुषों की बात करें तो माइग्रेन 8.6% पुरुषों को ही प्रभावित करता है.
क्या कहते हैं जानकार
वर्ष 1960 से लेकर अब तक की 357 स्टडी के आधार पर यह निष्कर्ष निकाला गया कि दुनिया में हर 6 में से एक व्यक्ति को कभी न कभी सिरदर्द होता है. बदलती हुई लाइफ़स्टाइल में जब महिलाएं नौकरी के साथ-साथ परिवार की जिम्मेदारियों को भी निभा रही हैं, उनमें माइग्रेन का असर बढ़ रहा है.
यह भी पढ़ें: बच्चों के लिए Outdoor Games है जरूरी, लाइफ क्वालिटी में लाता है सुधार
कैसे मिलेगी राहत
माइग्रेन एक गंभीर बीमारी है, जिसका साथ लंबे समय तक आपको परेशान कर सकता है. इसलिए इससे दूरी बनाने के लिए इसे जड़ से उखाड़ फेंकना ही एक मात्र उपाय है. आप ऐसा करने के लिए योग या मेडिटेशन (Yoga and Meditation) का सहारा ले सकते हैं. इससे काफ़ी हद तक फ़ायदा मिल सकता है.
गूगल पर हमारे पेज को फॉलो करने के लिए यहां क्लिक करें. हमसे जुड़ने के लिए हमारे फेसबुक पेज पर आएं और डीएनए हिंदी को ट्विटर पर फॉलो करें.
- Log in to post comments
Migraine और सरदर्द अधिक सताता है औरतों को