डीएनए हिंदी: कंगना रनौत (Kangana Ranaut) के रियलिटी शो लॉकअप (Lock Upp 1) सीजन वन के विनर और स्टैंड-अप कॉमेडियन मुनव्वर फारूकी (Munawar Faruqui) ने अपने स्ट्रगल के दिनों को याद किया है. शो जीतने के बाद वो सोशल मीडिया पर काफी चर्चा में बने रहे. हालांकि उन्होंने हाल ही में एक इंटरव्यू में बताया कि उन्होंने जिंदगी में काफी उतार चढ़ाव देखे. यहां तक कि उन्होंने ऐसे दिन भी देखे जब उनके बाद बिल्कुल भी पैसे नहीं हुआ करते थे.
पेशे से स्टैंड अप कॉमेडियन मुनव्वर फारूकी काफी विवादों में रहे हैं. हालांकि लॉक अप जीतने के बाद उनकी फैन फॉलोइंग काफी बढ़ गई थी. विवादों से गहरा नाता रखने वाले मुनव्वर के लॉक अप में एंट्री करने के बाद लोगों को उनका रियल साइड देखने को मिला. ये एक बड़ा कारण था कि वो फैंस के दिल में जल्द ही बस गए थे. शो के दौरान मुनव्वर ने अपनी जिंदगी से जुड़े कई बड़े खुलासे किए. वहीं हाल ही में मैशेबल इंडिया को दिए इंटरव्यू में भी उन्होंने अपने संघर्ष के दिनों को याद किया.
अपने बॉम्बे की जर्नी के बारे में बातचीत करते हुए मुनव्वर ने कहा कि सक्सेस पाने से पहले उन्होंने कई नौकरियां की. गुजरात में पले-बढ़े और 2007 में मुंबई आने से पहले उन्हें पैसों की तंगी देखनी पड़ी. मुनव्वर ने बताया कि वो विदेशी मुद्रा के एक्सचेंज करने का काम करते थे जिससे उनको थोड़ा प्रॉफिट मिलता था. वो उन जगहों पर समय बिताते थे जहां विदेशी टूरिस्ट अक्सर आते थे.
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उन्होंने बताया कि वो एक समोसे की दुकान पर भी काम किया करते थे जहां उन्हें काफी चुनौतियों का सामना करना पड़ा. अपने रेस्तरां के विफल होने के बाद अपने परिवार की वित्तीय कठिनाइयों के कारण, मुनव्वर ने एक गिफ्ट की दुकान में नौकरी की, जहां 11 घंटे काम करते थे और इसके लिए उन्हें हर महीने केवल 850 रुपये मिलते थे.
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मुनव्वर न कहा 'मेरी मां और दादी घर पर समोसे बनाती थीं और मैंने घर के बाहर एक स्टॉल शुरू किया, जहां मैं समोसे बेचता था. कई बार मेरी उंगलियां जल जाती थी और गर्म तेल के छींटे मेरे ऊपर पड़ जाते थे. मुझे ये पसंद नहीं आया. तभी हमने कुछ और करने का फैसला किया.'
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मुनव्वर फारूकी कभी सड़कों पर बेचा करते थे समोसे, स्ट्रगल के दिनों को याद कर किए कई खुलासे