डीएनए हिंदी: South Films: हिंदी के दर्शकों की रुचि और मिजाज के बारे में सिर्फ हिंदी के दर्शक की जानते हैं. कौन सी फिल्म उन्हें अच्छी लगती है और कौन सी बुरी इसे डिसाइड करना हमेशा से मुश्किल रहा है. मनोरंजन जगत में जहां हर तरफ कंटेंट की भरमार है वहां निर्माताओं से हमेशा बेहतर कंटेंट तैयार की अपेक्षा की जाती है. हाल के हिंदी फिल्मों की कमाई को देख कर ऐसा महसूस हो रहा है कि हिंदी के दर्शकों को कुछ नया चाहिए, जिससे वे अपने मनोरंजन की खुराक को पूरी कर सकें. अपने मनोरंजन का डोज को पूरा करने के लिए हिंदी दर्शक साउथ की फिल्मों (South Films) की तरफ रुख कर रहे हैं.
बेहतर डब किए हुए कंटेंट के होने की बदौलत कई साउथ की फिल्में हिंदी के दर्शकों में काफी मशहूर हैं. हाल के दिनों में अल्लू अर्जुन की फिल्म 'पुष्पा द राइज', 'आरआरआर' और 'केजीएफ चैप्टर 2' को ही देख लीजिए, जिनकी कमाई हिंदी फिल्मों को भी बॉक्स ऑफिस पर पीछे छोड़ रही हैं.
हिंदी के दर्शन साउथ की फिल्मों से नहीं बना पाते हैं नाता
मगर हिंदी के दर्शक साउथ की अन्य फिल्मों से अपना नाता नहीं बना पाते. इस साल रिलीज हुई फिल्मों में सिर्फ दो फिल्मों - 'आरआरआर' और 'केजीएफ चैप्टर 2' को छोड़ दें तो साउथ की हाल के दिनों में रिलीज हुई फिल्में हिंदी के दर्शकों के बीच फिसड्डी साबित होती जा रही हैं.
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एक नजर हाल के दिनों में रिलीज हुई साउथ के फिल्मों की कमाई पर डालें तो तो ऐसा समझ में आएगा कि केवर बड़े सितारे अपनी फिल्म को हिंदी के दर्शकों के बीच हिट करा पाएंगे, ऐसा नहीं है. हिंदी दर्शक बेहतर कंटेंट और शानदार एक्शन देखना पसंद कर रहे हैं.
साउथ की फिल्मों के हिंदी डब की कमाई पर एक नजर
- KGF: चैप्टर 2 - 427 करोड़ रु
- आरआरआर - 275 करोड़ रुपये
- राधे श्याम- 17.41 करोड़ रुपये
- मेजर- 9.6 करोड़ रुपये (2 हफ्ते)
- विक्रम: हिटलिस्ट - 6 करोड़ रुपये (2 सप्ताह)
- जानवर (कच्चा) - 2.3 करोड़ रुपये
- वलीमाई - 2.1 करोड़ रु
- 777 चार्ली - 1.65 करोड़ रुपये (1 सप्ताह)
- खिलाड़ी - 1.4 करोड़ रुपए
- एथार्ककम थुनिंधवन (ईटी) - 6 लाख रुपये
- जेम्स- 50 हजार रुपये
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हाल के दिनों में रिलीज साउथ की फिल्मों की कमाई पर गौर करें तो हिंदी के दर्शक केवल दो फिल्मों पर ही अपनी रुचि दिखाते नजर आ रहे हैं और बड़ी संख्या में सिनेमाघरों में पहुंच रहे हैं. वहीं अन्य साउथ की फिल्मों पर उनका ध्यान कम गया.
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South Indian Films का हिंदी डब में हो जाता है बुरा हाल, 11 में 9 हुए फिसड्डी