डीएनए हिंदी: सपने देखते सभी हैं लेकिन जो सोचा वो हो जाए ऐसा हर किसी के साथ नहीं होता. हमारे बीच कुछ ही ऐसे खुश किस्मत लोग होते हैं जिनके सपने सच हो जाते हैं. ऐसी ही एक किस्मत की धनी हैं मलीशा खरवा. एक समय उन्हें कोई नहीं जानता था. वह झुग्गी में रहने वाली एक आम बच्ची थी जिसके पिता पार्टियों में जोकर बनकर जाया करते थे लेकिन आज सोशल मीडिया पर उनके 1,32,000 फॉलोअर्स हैं और वह एक मैग्ज़ीन के कवर पेज पर भी आ चुकी हैं.
फर्श से अर्श तक पहुंचने में मलीशा की मदद की एक्टर रॉबर्ट हॉफमैन ने. दरअसल साल 2020 में रॉबर्ट एक म्यूज़िक वीडियो की शूटिंग के लिए मुंबई आए थे. इसके बाद अचानक लॉक डाउन का ऐलान हो गया और रॉबर्ट घर नहीं लौट सके. मुंबई में अपने स्टे के दौरान उनकी मुलाकात मलीशा से हुई. उन्हें मलीशा में काबीलियत नज़र आई.
वह इतने इंप्रेस हुए कि उसके पिता से बात कर 12 साल की बच्ची के मैनेजर बनने को कहने लगे. जब रॉबर्ट ने मलीशा से पूछा कि वह बड़े होकर क्या करना चाहती हैं तो उन्होंने कहा कि वह मॉडल और डांसर बनना चाहती हैं. मलीशा के इसी सपने को साकार करने में मदद के लिए रॉबर्ट ने उनके लिए एक इंस्टाग्राम पेज शुरू करने के बारे में सोचा.
रॉबर्ट ने मलीशा की कुछ तस्वीरें खींचीं और इंस्टाग्राम पर पोस्ट कर दीं. फिर क्या था मलीशा की तस्वीरें वायरल होने लगीं और डिज़ाइनर शेन और फाल्गुनी पीकॉक की नज़र इन पर पड़ी. वह तस्वीरों से इतने इंप्रेस हुए कि मलीशा से बात की और कवर पेज के लिए साइन कर लिया.
मॉडलिंग और डांसिंग के अलावा मलीशा को एक्टिंग का भी शौक है. रॉबर्ट ने उन्हें 'एंग्री इंडियन गॉडस' की असोसिएट प्रोड्यूसर अरसला कुरेशी और ब्लो ब्रॉडकास्ट के को-फाउंडर जस सागू से मिलवाया. ब्लो ब्रॉडकास्ट ने मलीशा पर एक छोटी से फिल्म बनाई. 'लिव यौर फेयरी टेल' नाम से आई इस शॉर्ट फिल्म में मलीशा की ज़िंदगी की एक झलक दिखाई गई है. अरसला कहती हैं कि मलीशा की ज़िंदगी उम्मीद का दूसरा नाम है. यह कहानी ऐसी है जो सबके सामने आनी चाहिए ताकि हर कोई सपना देखने की हिम्मत कर सके.
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