डीएनए हिंदी: भारत रत्न लता मंगेशकर का रविवार सुबह निधन हो गया और शाम 6:30 बजे उनका पार्थिव शरीर पंचतत्व में विलीन हो गया और अपने पीछे एक विशाल व्यक्तित्व की यादें छोड़ गया. उनके प्रशंसकों की उनके साथ अनेकों यादें जुड़ी हुई हैं जिनमें से एक उनका क्रिकेट प्रेम भी है. लता मंगेशकर हमेशा ही क्रिकेट मैच के दौरान एक्टिव रहती थीं और उन्होंने बीसीसीआई की उस वक्त मदद की जब संस्था 1983 के विश्व कप के बाद पैसे की कमी से जुझ रही थी.
BCCI की मदद के लिए महत्वपूर्ण योगदान
आज बीसीसीआई दुनिया का सबसे अमीर क्रिकेट बोर्ड है, लेकिन 1983 में कहानी बिल्कुल ही बदली हुई थी. तब बीसीसीआई के पास 1983 विजेता टीम को इनाम में देने के लिए पैसे नहीं थे. बीसीसीआई के तत्कालीन अध्यक्ष एनकेपी साल्वे लता मंगेशकर के पास गए थे और उनसे इंदिरा गांधी स्टेडियम में एक कंसर्ट करने को कहा था जिसकी हामी उन्होंने भर दी थी. लता का प्रोग्राम बहुत ही हिट साबित हुआ और उससे जो भी पैसा आया वह क्रिकेटर्स में इनाम के तौर पर बांटा गया था. उस कंसर्ट में क्रिकेटर्स ने भी गाने गाए थे.
हर मैच के दो टिकट रिजर्व
1983 वर्ल्ड कप को देखने के लिए लता मंगेशकर खुद स्टेडियम में गई थीं. उस दौरान लता मंगेशकर ने बीसीसीआई की जो मदद की थी उसे आज तक बोर्ड नहीं भूला है. इसी के तहत बोर्ड ने भारत के प्रत्येक स्टेडियम में क्रिकेट मैच में दो वीवीआईपी पास लता मंगेशकर के लिए रिजर्व रखे थे. इसे बीसीसीआई द्वारा लता को दिए सम्मान का संकेत माना जाता है.
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5000 से ज्यादा गाने
लता मंगेशकर अपनी गायकी के लिए पूरी दुनिया में फेमस थीं. उन्होंने फिल्मी दुनिया में 5000 हजार से ज्यादा गाने गाए हैं. उनकी गिनती दुनिया के महान गायकों में होती है. इतने साल में लता दीदी ने मधुबाला से लेकर प्रियंका चोपड़ा तक के लिए अपनी आवाज दी है. लता मंगेशकर ने एक हजार से ज्यादा हिंदी फिल्मों और 36 क्षेत्रीय फिल्मों में गाना गाया है. लता मंगेशकर के इसी व्यक्तित्व का असर है कि उनके निधन पर विदेशों तक से शोक संदेश आ रहे हैं और उनके निधन पर दो दिन का राष्ट्रीय शोक रखा गया है.
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