डीएनए हिंदी: जेम्स वैन के डायरेक्शन में बनी 'द कॉन्ज्यूरिंग' 21वीं सदी की सबसे ज़्यादा खौफनाक फिल्मों में से एक है. इसमें ऐसे इफेक्ट और प्रेज़ेंटेशन है कि देखने वालों की चीख निकल जाए और सोने पर सुहागा यह कि फिल्म के असल घटनाओं से प्रेरित होने का दावा किया जाता है. अब देखने वाले घबराएं न तो क्या करें. यह दावे ऐसे होते हैं कि विश्वास नहीं होता कि क्या वाकई ऐसा हो सकता है? हालांकि हमें यकीन तो करना ही होगा क्योंकि एक परिवार दावा कर चुका है कि वह असल में 'द कॉन्ज्यूरिंग' को जी चुका है.
ये 70 के दशक की बात है जब पहली बार पेरन परिवार ने भूतों के साथ रहने की बात कही थी. यह परिवार रोड आइलैंड के एक छोटे से शहर हैरिसविले के इस फार्महाउस में करीब दस साल रहा था. जुलाई 1980 में उन्होंने यह घर छोड़ दिया था.
इस परिवार का दावा था कि भूत आधी रात को उन्हें बिस्तर से उठा कर फेंक देता था और कभी किस करने लगता था. उनके मुताबिक उस घर पर बाथशेबा थेयर नाम के भूत का साया था. इस मामले में मदद के लिए इन्होंने पैरानॉर्मल एक्टिविटीज़ की जांच करने वाले एड और लौरेन वॉर्नर से भी बात की थी. अब जिस स्तर पर फिल्म में दिखाया गया था उस तरह की घटनाएं सचमुच घटी थी या नहीं, यह खोज का विषय हो सकती है. हालांकि इस परिवार के दावे के मुताबिक इन्होंने असल में कुछ ऐसी अजीब घटनाएं महसूस की थीं जो किसी के भी पैरों तले की ज़मीन खींच सकती हैं.
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