डीएनए हिंदी: सपने देखना कोई बुरी बात नहीं लेकिन उन सपनों को सच करने के लिए जी जान से मेहनत न करना बुरी बात है. भारत जैसे बड़े देश में हर दिन-हर कोई सपने देखता है लेकिन पूरी जी जान से मेहनत करके उन सपनों को जी पाना सबके नसीब में नहीं होता. कुछ लोग किस्मत पर यकीन करते हैं तो कुछ लोग खुद अपनी किस्मत को लिखते हैं. समाज की तमाम बंदिशों को तोड़कर अपनी कहानी लिखने वाले ये और कोई नहीं बल्कि हरियाणा के जींद के बिरौली गांव में पले बढ़े संजय संजू सैनी हैं.

इनकी लिखी फिल्म रॉकी मेंटल से ही पंजाबी सिंगर परमिश वर्मा ने फिल्मों में न सिर्फ डेब्यू किया बल्कि इस फिल्म ने उन्हें इंडस्ट्री में खूब पहचान भी दिलाई. इतना ही नहीं संजय संजू सैनी एक बार फिर एक बड़ी कहानी को पर्दे पर उतार चुके हैं जिसका नाम है 'अखाड़ा'. आइए आप सबको बताते हैं अखाड़ा वेब सीरीज में क्या कुछ खास देखने को मिलने वाला है.

Akhada Writer sanjay sanju saini and with director Aashu Chabra
 

'अखाड़ा' को लिखने का आईडिया कैसे आया ?

संजय बताते हैं कि दंगल या सुल्तान जैसी सुपरहिट फिल्में तो आपने जरूर देखी होंगी. लेकिन वो फिल्में 100 में से कोई एक जो मेडल जीत लेता है, सफल हो जाता है उन पर आधारित होती है. लेकिन बाकि के 99 लोगों की कोई बात ही नहीं करता. मेहनत और स्ट्रगल तो सभी ने किया है फिर बात सिर्फ एक की ही क्यों हो ? हरियाणा में तो खेलों में इतनी राजनीति चलती है कि आप समझ ही नहीं पाएंगें एक प्लेयर असली विजेता खेल की वजह से बना है या राजनीति की वजह से, इन सभी मुद्दों को जनता के सामने लेकर आने के लिए मैंने अखाड़ा वेब सीरीज (AKHADA WEBSERIES) लिखी.

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shooting scene from the set of Akahada Webseries

अखाड़ा को लेकर किस तरह की चुनौतियां आई ?

संजय बताते हैं कि अखाड़ा को लेकर सबसे बड़ी चुनौती मौसम था क्योंकि स्टोरी की डिमांड थी कि इसे गर्मियों के समय में शूट किया जाए. इसकी वजह से मेरे एक्टर और एक्ट्रेस के साथ पूरी टीम को कड़ी धूप का सामना करना पड़ा. कई लोगों की स्किन तो पूरी तरह से झुलस(sun burn) भी गई. ऐसा इसलिए क्योंकि एक तो गर्मी का पारा 45-50 डिग्री के बीच ऊपर से गर्म रेत में प्रैक्टिस और कुश्ती के मैच करवाना, अपने आप में ही एक बड़ा चैलेंजिंग काम है. लेकिन किसी ने कोई शिकायत तक नहीं की और अखाड़ा की शूटिंग बहुत ही अच्छे ढंग से पूरी हो गई. 

 

फिल्म इंडस्ट्री में कैसे आना हुआ?
संजय ने बताया कि मेरे मन में ऐसा कुछ फिक्स नहीं था कि मुझे  फिल्मों में आना ही आना है. दरअसल कॉलेज के दिनों में मैं कहानियां लिखा करता था क्योंकि मुझे नॉवेलिस्ट बनना था. पढ़ाई के दौरान ही मैंने रॉकी मेंटल की एक सीरीज लिखी और सौभाग्यवश उसे फिल्म के लिए चुन लिया गया. तो उसके बाद मुझे लगा कि मुझे लिखना चाहिए और फिर मैंने पढ़ाई के साथ-साथ राइटिंग को अपना करियर बना लिया. हालांकि मैंने पंजाब यूनिवर्सिटी से बोटनी सब्जेक्ट में बीएससी और एमएससी की है और अभी चौधरी रणबीर सिंह यूनिवर्सिटी से साइकोलॉजी कर रहा हूं. लेकिन पढ़ाई के साथ-साथ मैं जमीनी कहानियां लिखता रहूंगा और आप सबके सामने लाता रहूंगा. 

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हम आपको बता दें कि अखाड़ा की शूटिंग पूरे होने के बाद संजय इन दिनों अपने आने वाले नए प्रोजेक्ट्स की शूटिंग में बिजी हैं.  इंटरव्यू के दौरान संयज संजू सैनी ने अखाड़ा को लेकर कई अनुभव साझा किए. उन्हें जानने के लिए आप यहां क्लिक करके पूरा वीडियो इंटरव्यू देख सकते हैं.

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writer of Parmish Verma blockbuster movie Rocky Mental the sanjay sanju saini is back with AKHADA WEBSERIES
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हरियाणा के पहलवानों की असली कहानी को लेकर आ रहें हैं संजय संजू सैनी
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अखाड़ा वेब सरीज  

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अखाड़ा वेब सरीज के राइटर संजर संजू सैनी के साथ खास बातचीत