इन दिनों भारत और पाकिस्तान के बीच जम्मू कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमले के बाद तनाव बना हुआ है. साथ ही भारत सरकार ने पाकिस्तानी कलाकारों को और उनकी फिल्मों, शो को भारत में बैन कर दिया है. लेकिन इस बीच आज हम बॉलीवुड के कपूर खानदान के बारे में बात करने जा रहे हैं, जो कि पाकिस्तान से ताल्लुक रखते थे और उनका पैतृक घर पाकिस्तान के पेशावर में था.
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दरअसल, कपूर खानदान का पैतृक घर पाकिस्तान के पेशावर के किस्सा ख्वानी बाजार की संकरी गलियों में है. यह घर दीवान बशेश्वरनाथ कपूर ने 1918 और 1922 के बीच बनवाया था. यह आलीशान हवेली वह जगह थी, जहां उनके बेटे और एक्टर पृथ्वीराज कपूर बड़े हुए और यहीं पर भारतीय सिनेमा की जड़ें पहली बार जमीं. इस पुरानी हवेली में बॉलीवुड के एक्टर राज कपूर और शशि कपूर बड़े हुए.
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वहीं, स्थानीय लोग कपूर खानदान की इस हवेली को भूत घर कहते हैं. सालों से कई तूफानों और भूकंप के कारण यह हवेली जर्जर हो चली है. इसके कई हिस्से टूट गए हैं. कई स्थानों पर दीवारें टूट गई हैं. साथ ही कई स्थानों पर कूड़ा भी पड़ा हुआ है. इस हवेली की जटिल बालकनियां और नाजुक फूलों की नक्काशी धीरे-धीरे धूल में तब्दील हो रही है. हर बीतता मानसून धीरे-धीरे इस हवेली को तोड़ रहा है.
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2018 में इस हवेली को एक संग्रहालय में बदलने की किरण जगी थी. दरअसल, ऋषि कपूर ने पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी से निजी तौर पर रिक्वेस्ट की थी, जिसके बाद उन्होंने भरोसा दिलाया था कि सरकार कपूर हवेली को संरक्षित करेगी और इसे संग्रहालय में बदल देगी. यह फैसला राजनीति से परे एक सांस्कृतिक विरासत का जश्न मनाने जैसा था. लेकिन वादों और कागजी कार्रवाई के बीच यह हवेली बुरे हाल में है और अभी तक इसको लेकर ढहने का खतरा बना रहता है.
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वहीं, पाकिस्तानी अखबार डॉन के अनुसार हवेली की ऊपरी तीन मंजिलें 90 के दशक के आखिर में बर्बाद हो गई थीं. क्योंकि यह खड़ी पहाड़ी पर स्थित थी और भूकंप के कारण इसके ऊपरी हिस्सों में दरारें आ गई थीं. चार मंजिला हवेली में अभी भी अपनी कुछ पुरानी खूबसूरती बरकरार रखी है. हवेली का आंगन आज भी सुंदर है. इसके कई कमरे भी शानदार हैं. सीढ़ियों में से कुछ अभी भी सुंदर स्थिति में.
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आज, यह इमारत हाजी मुहम्मद इसरार की है, जो एक अमीर जौहरी हैं और जिनके पास इस संपत्ति के लिए अलग-अलग प्लानिंग हैं। जहां विरासत अधिकारी इसके संरक्षण का सपना देखते हैं, वहीं इसरार इसके स्थान पर एक बड़ा कमर्शियल कॉम्प्लेक्स बनाने का सपना देख रहे हैं.उन्होंने कई बार हवेली को तोड़ने की थी, लेकिन हेरिटेज अधिकारियों ने इसे हर बार रोक दिया और एफआईआर भी दर्ज की थी. इसको लेकर इसरार ने पीटीआई से कहा था, '' कि उन्हें सरकार के साथ कीमत को लेकर कोई विवाद नहीं. बस वह इस बात से सहमत नहीं है कि इस जगह को किस तरह से पेश किया जाना चाहिए.