बांग्लादेश में इन दिनों राजनीतिक संकट देखने को मिल रहा है. वहां चल रहा आंदोलन लगातार (Bangladesh crisis) हिंसक हो रहा है. बांग्लादेशी सेना के सत्ता को टेकओवर करने के बाद प्रधानमंत्री शेख हसीना ने भी इस्तीफा दे दिया और देश छोड़कर भारत आ गई हैं. इन सबके बीच हम आपको बताते हैं बॉलीवुड के उस एक्टर के बारे में जो कभी पड़ोसी मुल्क का सुपरस्टार था. इस एक्टर को भले ही भारत में भाव नहीं मिला पर उसने बांगलादेशी सिनेमा (Bangladesh film industry) को कई हिट फिल्में दी हैं.
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बॉलीवुड एक्टर चंकी पांडे पिछले तीन दशकों से बॉलीवुड फिल्म इंडस्ट्री का हिस्सा रहे हैं. हालांकि उन्हें हीरो के तौर पर नहीं बल्कि सपोर्टिंग एक्टर के तौर पर पहचान मिली थी. एक समय तो ऐसा भी आया जब उन्हें फिल्में मिलनी ही बंद हो गई थी. तब एक्टर ने बांग्लादेश जाने का फैसला किया, जो सही साबित हुआ. चंकी को 90 के दशक में बांग्लादेश में गजब की शोहरत और स्टारडम हासिल हुई थी.
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एक इंटरव्यू में, चंकी पांडे ने खुद अपने बांग्लादेश जाने की वजह बताई थी. आंखें जैसी हिट फिल्म देने के बाद भी एक वक्त ऐसा था जब वो काम को लेकर परेशान थे. इसी कारण वो बांग्लादेश चले गए और वहां उन्हें जनता ने काफी प्यार दिया. उन्हें वहां का शाहरुख खान कहा जाता था.
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चंकी पांडे ने पड़ोसी मुल्क की कई फिल्मों में काम किया था. वो ‘स्वामी केनो आसामी’, ‘बेश कोरेची प्रेम कोरेची’ जैसी कुल 6 बांग्लादेशी फिल्मों में नजर आए. उन्हें भले ही वहां की भाषा नहीं आती थी पर वो फिर भी सफल रहे.
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1987 में आई फिल्म आग ही आग से चंकी पांडे ने बॉलीवुड डेब्यू किया था. हालांकि एक्टर एक सपोर्टिंग स्टार बनकर ही रह गए थे. वो पाप की दुनिया में नजर आए. फिर फिल्म आंखे और तेजाब में वो नजर आए जो कि हिट रही. सपोर्टिंग एक्टर के तौर पर वो डॉन, हाउजफुल, अपना सपना मनी मनी, कयामत और मुंबई से आया मेरा दोस्त में दिखे.
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चंकी पांडे अब कुछ ही फिल्मों में नजर आते हैं. हालांकि उनकी बेटी अनन्या पांडे ने कुछ सालों पहले बॉलीवुड में डेब्यू किया है. अनन्या कई मूवीज कर चुकी हैं और अब वो टॉप एक्ट्रसेस में गिनी जाती हैं.