डीएनए हिंदी: बॉलीवुड की मंझी हुई एक्ट्रेस रानी मखर्जी (Rani Mukherjee) की फिल्म मिसेज चटर्जी वर्सेज नॉर्वे (Mrs Chatterjee Vs Norway) का मोशन पोस्टर आज शिवरात्री के दिन रिलीज हो गया है.फिल्म 17 फरवरी 2023 को सिनेमाघरों में रिलीज होने वाली है. खास बात ये है कि एक बार फिर रानी मुखर्जी इस फिल्म के जरिए सच्ची कहानी को पर्दे पर दिखाने वाली हैं. ये फिल्म एक ऐसी महिला की कहानी पर आधारित है जो एक पूरे देश से भिड़ जाती है. जानें क्या है इस फिल्म की पूरी कहानी.
मिसेज चटर्जी वर्सेज नॉर्वे फिल्म के इस मोशन पोस्टर में रानी मुखर्जी को एक साहसी महिला के रूप में देखा जा सकता है. इस पोस्टर में एक्ट्रेस एक बच्चे को गोद में उठाए नजर आईं तो वहीं दूसरा बच्चा उनके पास खड़ा हुआ दिखा. ऐसे में लोग इसके पीछे की कहानी को जानने के लिए काफी उत्सुक हैं. जी हां, ये फिल्म एक सच्ची घटना पर आधारित है जिसने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सबको हिलाकर रख दिया था.
RANI MUKERJI: 'MRS CHATTERJEE VS NORWAY' MOTION POSTER... Trailer of #MrsChatterjeeVsNorway - starring #RaniMukerji - unveils on 23 Feb 2023… Directed by #AshimaChibber... In *cinemas* 17 March 2023… #MCVN #MotionPoster… pic.twitter.com/eCFPezvzQv
— taran adarsh (@taran_adarsh) February 18, 2023
फिल्म में दिखाई जाएगी एक मां की कहानी
फिल्म मिसेज चटर्जी वर्सेज नॉर्वे में एक मां की कहानी दिखाई जाएगी. ये फिल्म सभी माओं को समर्पित है. दरअसल साल 2011 में, नॉर्वेजियन चाइल्ड वेलफेयर सर्विसेज (CWS) ने नॉर्वे में रहने वाले एक भारतीय कपल अनुरूप और सागरिका भट्टाचार्य के दोनों बच्चों अभिज्ञान और ऐश्वर्या को अपने पास रख लिया था. सोसाइटी ने भावनात्मक अलगाव और नजरअंदाज करने के चलते उनके बच्चों को अपने पास रख लिया था.
CWS ने फोस्टर केयर द्वारा बच्चों की देखभाल करने लिए उन्हें मजबूर कर दिया था. जहां यह तय किया गया था कि वो 18 साल की उम्र तक फोस्टर में रहेंगे. अनुरूप और सागरिका को उन्हें देखने तक की अनुमति नहीं थी. इसके बाद कपल ने कई विरोध किए और कई मुद्दों पर रोशनी डाली थी जिसमें नस्लवाद, महिलाओं और बच्चों का मेंटल हेल्थ, और बहुत कुछ शामिल है. 10 साल की कड़ी लड़ाई के बाद सागरिका को अपने बच्चे वापस मिल गए. इस दर्दनाक लड़ाई को रानी मुखर्जी इस फिल्म में दिखाने वाली हैं.
फिल्म में दिखाया जाएगा कि आखिर इन सालों में क्या कुछ हुआ था और कैसे एक मां आखिरकार अपने बच्चों के लिए एक व्यवस्था के खिलाफ अपनी अकेली लड़ाई में जीत हासिल करती है.
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नॉर्वे में सख्त हैं बाल संरक्षण कानून
नॉर्वे में बेहद सख्त बाल संरक्षण सिस्टम है. देश में रहने वाले सभी नागरिकों पर ये लागू होता है. यहां कभी भी आपके दरवाजे पर सीडब्ल्यूएस टीम आ सकती है. अगर आपको एक अयोग्य माता-पिता के रूप में घोषित किया गया तो आपके बच्चे को आपसे दूर कर दिया जाएगा.
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Rani Mukherjee ने निभाई उस असली मां की भूमिका जो अपने बच्चों के लिए पूरे देश से लड़ी, दिल दहलाने वाली कहानी