डीएनए हिंदी: 90 के जमाने की हिट आवाज जिनका जादू आज भी वही है यानी कुमार सानू किसी पहचान के मोहताज नहीं हैं. उनके नाम एक दिन में सबसे ज्यादा गाने रिकॉर्ड करने का रिकॉर्ड भी है. उनके खाते में 21000 से ज्यादा गाने हैं और उनकी फॉलोइंग आज देश में ही नहीं विदेशों में भी है. हालांकि उन्होंने एक समय ऐसा भी देखा जब पिता के निधन के बाद उसी दिन उन्हें एक लाइव परफॉर्मेंस देनी पड़ी थी.
पिंकविला के साथ एक बातचीत में, दिग्गज सिंगर कुमार सानू ने उस समय को याद किया कि जिस दिन उनके पिता का निधन हुआ था उसी दिन उन्हें एक लाइव परफॉर्मेंस देनी पड़ी थी. सिंगर ने कहा 'द शो मस्ट गो ऑन. ये वो एक बात है जो राज कपूर जी ने कही थी. जब आप जनता के सामने जा रहे हैं तो आपके परिवार में क्या हो रहा है, आपको चोट लगी है या कुछ और इससे जनता को कोई लेना-देना नहीं है. उन्हें कोई परवाह नहीं है. उन्हें बस इतना पता है कि कुमार शानू आए हैं तो अच्छा गाएंगे. इसलिए मुझे चेहरे पर मुस्कान के साथ उनके सामने गाना पड़ा.'
बता दें कि सानू का असली नाम केदारनाथ भट्टाचार्य है. 1990 में आशिकी के हिट गानों में अपनी सुरीली आवाज से दर्शकों को उन्होंने दीवाना कर दिया था. फिर उन्होंने बाजीगर जैसी कई फिल्मों के हिट गानों को गाया था.
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आपको जानकर हैरानी होगी कि कुमार शानू ने अपने करियर की शुरुआत साल 1986 में बांग्लादेशी फिल्म 'तीन कन्या' से की थी. उन्हें हिंदी सिनेमा में लाने का श्रेय दिवंगत सिंगर जगजीत सिंह को जाता है. उन्होंने ही कुमार शानू को फिल्म 'आंधियां' में गाना गाने का ऑफर दिया था.
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माना जाता है कि कुमार शानू बचपन से ही किशोर दा यानी किशोर कुमार को कॉपी करने की कोशिश करते थे, जिससे उनकी गायकी किशोर दा से मेल खाने लगी थी.
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जब पिता के निधन से सदमे में थे Kumar Sanu, देना पड़ा था लाइव परफॉर्मेंस, हो गया था ऐसा बुरा हाल