बीते कुछ वक्त से आमिर खान (Aamir Khan) के बेटे जुनैद खान (Junaid Khan) की डेब्यू फिल्म महाराज (Maharaj) काफी विवादों में है. फिल्म को लेकर बैन की मांग उठ रही है. इन सभी के बीच गुजरात हाई कोर्ट ने 18 तारीख तक रिलीज डेट टाल दी थी. वहीं, इसको लेकर एक और अपडेट सामने आया है. दरअसल, गुजरात हाई कोर्ट ने मंगलवार को महाराज पर अंतरिम रोक एक दिन के लिए बढ़ा दी है, जो कि इससे पहले 14 जून को नेटफ्लिक्स पर रिलीज होने वाली थी.

जस्टिस संगीता विशेन की एकल न्यायाधीश पीठ ने नेटफ्लिक्स, यशराज फिल्म्स और याचिकाकर्ताओं की दलीलों को सुना और मामले को बुधवार तक की सुनवाई के लिए पोस्टपोन कर दिया है. कोर्ट ने कहा कि फिल्म की रिलीज पर अंतरिम रोक बुधवार तक जारी रहेगी. पुष्टिमार्ग संप्रदाय के आठ सदस्यों ने फिल्म के बारे में आर्टिकल देखने के बाद रिलीज के खिलाफ याचिका दायर की है, जो 1862 के मानहानि मामले पर आधारित है, जिसे ब्रिटिश जज ने सुना था और फैसला सुनाया था.

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याचिकाकर्ताओं ने कही ये बात

याचिकाकर्ताओं ने बताया है कि ब्रिटिश काल की अदालत, जिसने मानहानि मामले का फैसला किया था, हिंदू धर्म की निंदा की थी और भगवान श्रीकृष्ण के साथ-साथ भक्ति गीतों और भजनों के खिलाफ गंभीर निंदनीय कमेंट करती है.

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नेटफ्लिक्स और प्रोडक्शन कंपनी यशराज फिल्म्स ने अदालत से फिल्म की रिलीज पर रोक लगाने वाले अंतरिम आदेश को हटाने के लिए दलील पेश की थी. नेटफ्लिक्स के लिए अपील करते हुए सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने कहा कि 24 घंटे से कम समय में फिल्म को ब्लॉक करने में असफल रहने में सरकार की निष्क्रियता का हवाला देते हुए याचिकाकर्ता की रिक्वेस्ट को बिल्कुल बेतुका बताया है. 

उन्होंने आगे कहा कि फिल्म के सेंसरशिप सर्टिफिकेट को रद्द करने की याचिकाकर्ताओं की दूसरी रिक्वेस्ट, जो कि एक साल से ज्यादा पुरानी है, गलत है, क्योंकि ओटीटी पर महाराज की रिलीज के लिए इस तरह के सर्टिफिकेशन की जरूरत नहीं है. 

मुकुल रोहतगी ने दिया नेटफ्लिक्स की ओर से तर्क

उन्होंने कहा कि याचिका की कार्रवाई का कारण पूरी तरह से मनगढ़ंत और आर्टिफिशियल है. रोहतगी ने कहा कि याचिकाकर्ताओं में से एक अहमदाबाद के एक बिजनेसमैन ने उस किताब के खिलाफ कोई कदम नहीं उठाया, जिस पर फिल्म आधारित थी या इंटरनेट पर मौजूद इस विषय पर कंटेंट के खिलाफ कोई कदम नहीं उठाया. किसी के लिए फिल्म बनाना, उसका निर्माण करना या उसे एक स्टेज पर रखना कोई छोटी बात नहीं है. इसमें बहुत सारा पैसा और मेहनत लगती है. हम शुक्रवार को अपनी पहली फिल्म खो चुके हैं. कोई एडवांस कॉपी नहीं दी गई थी. 
यह फिल्म कानूनी इतिहास पर आधारित है, जिसे खत्म नहीं किया जा सकता है. 

साल 1862 का है मामला

1862 का मानहानि का मामला एक वैष्णव धार्मिक नेता और समाज सुधारक, करसनदास मुलजी के बीच एक लीगल मामले पर आधारित था. जिन्होंने एक आर्टिकल में आरोप लगाया था कि भगवान का अपनी महिला भक्तों के साथ यौन संबंध था. यशराज फिल्म्स के वकील ने तर्क दिया कि फिल्म में महाराज और पत्रकार के बीच मानहानि मामले का एकमात्र हिस्सा दिखाया गया है और इसमें फैसले का कोई अन्य हिस्सा नहीं है, जिस पर याचिकाकर्ताओं ने आपत्ति जताई है. 

याचिकाकर्ताओं ने दिया ये तर्क

वहीं, याचिकाकर्ताओं ने दावा किया है कि अगर फिल्म को रिलीज करने की अनुमति दी गई तो उनकी धार्मिक भावनाएं गंभीर रूप से आहत होंगी और इससे लोग भी काफी प्रभावित होंगे और संप्रदाय के अनुयायियों के खिलाफ हिंसा भड़कने की संभावना है. इससे पहले, याचिकाकर्ताओं ने सूचना और प्रसारण मंत्रालय से संपर्क कर फिल्म की रिलीज को रोकने के लिए तत्काल कदम उठाने का अनुरोध किया था.

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Junaid Khan Debut Film Maharaj Release Date Extended By Gujarat High Court Till this day
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मुश्किल में Junaid Khan की डेब्यू फिल्म, Gujarat HC ने बढ़ाई Maharaj की रिलीज डे
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मुश्किल में Junaid Khan की डेब्यू फिल्म, Gujarat HC ने बढ़ाई Maharaj की रिलीज डेट

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