डीएनए हिंदी: रामानंद सागर की रामायण (Ramanand Sagar Ramayan) आज भी लोगों के दिलों में बसी हुई है. इसके हर एक किरदार को खूब प्यार मिला, यहां तक कि लोगों ने शो से जुड़े कलाकारों को भागवान का दर्जा तक दे दिया गया था. इसी शो में अखाड़े से निकलकर फिल्मों और टीवी शो का रुख करने वाले दारा सिंह के हनुमान का रोल आज भी लोगों के जहन में है. आज दारा सिंह हमारे बीच नहीं हैं. लंबी बीमारी से जूझने के बाद 12 जुलाई 2012 को दारा सिंह ने दुनिया को अलविदा कह दिया था.
रामायण से जुड़े कुछ अनसुने पहलू
दारा सिंह यानी दीदार सिंह रंधावा पंजाब के अमृतसर में पैदा हुए थे. लंबी-चौड़ी कद-काठी वाले दारा सिंह ने कुश्ती लड़ने के साथ ही साथ एक्टिंग में भी हाथ आजमाया. 'रामायण' में जब दारा सिंह को हनुमान के रोल के लिए कास्ट किया गया तब सबको चिंता थी तो बस उनके पंजाबी टोन की. पौराणिक कथा होने की वजह से 'रामायण' के सभी डायलॉग्स शुद्ध हिंदी में थे, लेकिन दारा सिंह ने बखूबी अपने रोल को निभाया और लाखों लोगों के दिलों में अपनी एक्टिंग से छाप छोड़ दी.
खास बात ये रही कि जब दारा सिंह को बजरंग बली का किरदार मिला था तब वो 60 साल के हो गए थे. हनुमान के रोल के लिए वो रामानंद सागर की पहली पसंद थे. हालांकि ये पहली बार नहीं था, दारा सिंह ने 1976 में आई फिल्म बजरंगबली में पहले ही हनुमान का रोल निभा लिया था. ये फिल्म उस दौर में हिट साबित हुई.
एक इंटरव्यू में दारा सिंह के बेटे ने बताया कि हनुमान का रोल प्ले करते समय उनके पिता डाइट में सिर्फ 100 बादाम और पूरे दिन 3 नारियल पानी पीकर शूटिंग किया करते थे. ताकि बार बार उन्हें खाने पीने के लिए अपना मास्क ना उतारना पड़े और मेकअप मैन को परेशानी ना हो.
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कहे जाते थे भारतीय सिनेमा के 'आयरन मैन'
दारा सिंह को भारतीय सिनेमा का 'आयरन मैन' कहा जाता था. वो कुश्ती में कभी ना हारने वाले चैम्पियन रहे. 1968 की वर्ल्ड चैम्पियन शिप के साथ ही उन्होंने कुश्ती में हमेशा जीत हासिल की. 1996 में उन्हें रेसलिंग आबजर्व न्यूजलेटर में हाल आफ फेम चुना गया.
दारा सिंह ने कई वर्ल्ड क्लास चैम्पियन्स के साथ कुश्ती लड़ी और जीत हासिल की. उन्होंने रूस्तम-ए-हिंद के साथ रूस्तम-ए-पंजाब के साथ कई नामों से नवाजा गया. उन्होंने कई बड़े-बड़े पहलवानों को अखाड़े में धूल चटाई थी. उन्होंने 55 साल की उम्र तक पहलवानी लड़ी थी.
100 से ज्यादा फिल्मों में किया काम
दारा सिंह ने अपने फिल्मी करियर की शुरुआत 1952 में दिलीप कुमार और मधुबाला स्टारर फिल्म 'संगदिल' से की थी. उन्होंने कई सुपरहिट फिल्में दी थी. कहा जाता है कि लेकिन शुरुआत में एक्ट्रेसेस दारा सिंह के साथ काम करने में घबराती थीं. इसकी वजह थी उनका भारी भरकम शरीर.
लीड एक्टर के तौर पर दारा सिंह ने कई फिल्मों में काम किया. उन्होंने दिग्गज एक्ट्रेस मुमताज के साथ लगभग 16 फिल्मों में काम किया. उन्होंने पूरे फिल्मी करियर में 100 से ज्यादा फिल्मों में काम किया. उनकी आखिरी फिल्म 'अता पता लापता' थी जिसमें वो गेस्ट रोल में थे.
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