डीएनए हिंदी: 'लेके पहला पहला प्यार...'
'जाने कहां मेरा जिगर गया जी...'
'इशारों-इशारों में दिल लेने वाले...'
'बाबूजी धीरे चलना....' जैसे मन को भाने वाले और कई दशकों से लेकर आज तक भी कानों में मिसरी घोलने वाले गीत हमें दिए मशहूर गायक और संगीतकार ओ.पी.नैय्यर ने. आज उनका जन्मदिन है. उन्हें हिंदी सिनेमा का सबसे स्टाइलिश और महंगा संगीतकार माना जाता है. उनकी जिंदगी से जुड़े कई और भी किस्से हैं, जो काफी दिलचस्प हैं. इनमें से एक खास किस्सा यह है कि उन्हें अपने लगभग 45 साल लंबे करियर में कभी लता मंगेशकर से कोई गाना नहीं गवाया. ऐसा क्यों हुआ आखिर?
लता मंगेशकर को सुर साम्राज्ञी कहा जाता है. हिंदी सिनेमा में उनसे बड़ी गायिका किसी और को नहीं माना जाता है. बड़े-बड़े संगीतकार भी एक बार उनके साथ काम करने के लिए सालों इंतजार करते रहते हैं. ऐसा सिर्फ आज नहीं है, बरसों पहले भी लता मंगेशकर की गायिकी के लोग दीवाने थे और उनके साथ काम करने के लिए सभी बड़े संगीतकार इंतजार करते थे. मगर उसी वक्त की बात है, जब ओ.पी.नैय्यर ने एक कसम खाई कि वह कभी लता मंगेशकर के साथ ना गाना गाएंगे ना उनसे अपना कोई गाना गाने के लिए कहेंगे.
बात उन दिनों की है जब फिल्म आसमान की शूटिंग हो रही थी. फिल्म में एक गीत को फिल्म की सहनायिका पर फिल्माया जाना था और इस गाने की आवाज होनी थी लता जी की. जब लता मंगेशकर के पास ये बात पहुंची तो उन्हें ये बात बिलकुल पसंद नहीं आई. वह किसी सहनायिका के लिए गाना नहीं गाना चाहती थीं. उन्होंने ओ.पी.नैय्यर के लिए गाना गाने से साफ इंकार कर दिया था. जब ओ.पी.नैय्यर तक ये बात पहुंची तो उन्होंने भी एक दृढ़ निश्चय किया, कि वो कभी भी लता मंगेशकर के साथ काम नही करेंगे.
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Happy Birthday : जब O.P.Nayyar ने खाई थी लता मंगेशकर के साथ काम ना करने की कसम