संसद का बजट सत्र आज (31 जनवरी) सुबह 11:00 बजे राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित करने के साथ शुरू होगा. इसके बाद केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण केंद्रीय बजट पेश करने से पहले आर्थिक सर्वेक्षण पेश करेंगी. इसे लोकसभा में दोपहर 12 बजे और राज्यसभा में दोपहर 2:00 बजे पेश किया जाएगा. वित्त मंत्रालय में मुख्य आर्थिक सलाहकार की देखरेख में आर्थिक मामलों के विभाग के इकोनॉमिक डिविजन द्वारा तैयार आर्थिक सर्वेक्षण दस्तावेज 2024-25 (अप्रैल-मार्च) की अर्थव्यवस्था की स्थिति और कई इंडिकेटर्स और अगले वित्त वर्ष के लिए कुछ दृष्टिकोण की जानकारी देता है.
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केंद्रीय बजट के बारे में 10 खास तथ्यों पर एक नजर-
1. भारत का पहला बजट 7 अप्रैल 1860 को जेम्स विल्सन ने प्रस्तुत किया गया था. वह ईस्ट इंडिया कंपनी के स्कॉटिश अर्थशास्त्री और राजनीतिज्ञ थे. हमारे देश की स्वतंत्रता के बाद भारत का पहला बजट वित्त मंत्री आर.के. शानमुखम चेट्टी ने 26 नवंबर 1947 को प्रस्तुत किया था. यह एक अंतरिम बजट था जो देश की आर्थिक चुनौतियों से निपटने के लिए 31 मार्च 1948 तक 7.5 महीने की अवधि को कवर करता था.
2. सबसे छोटा बजट भाषण वित्त मंत्री हीरूभाई मुलजीभाई पटेल पटेल ने 1977 में दिया था, जिसमें केवल 800 शब्द थे.
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3.केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2020 में 'सबसे लंबे बजट भाषण ' का रिकॉर्ड अपने नाम किया है . उन्होंने 1 फरवरी 2020 को 2.42 घंटे (समय अवधि) की बजट स्पीच दी थी.
4. 'हलवा समारोह' एक पारंपरिक समारोह है जिसमें हर साल हलवा नाम की एक पारंपरिक भारतीय मिठाई तैयार की जाती है और वित्त मंत्रालय के उन अधिकारियों और कर्मचारियों को परोसा जाता है जो बजट तैयार करने में शामिल होते हैं. यह सरकार द्वारा अभी भी पालन की जाने वाली सबसे लंबे समय से चली आ रही परंपराओं में से एक है.
5. 1950 में वित्त मंत्री जॉन मथाई के कार्यकाल में केंद्रीय बजट छपाई के दौरान ही लीक हो गई थी. लीक के बाद छपाई की प्रक्रिया राष्ट्रपति भवन से मिंटो रोड पर स्थानांतरित कर दी गई थी. बाद में 1980 में इसे नॉर्थ ब्लॉक के बेसमेंट में स्थानांतरित कर दिया गया.
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6. रेल बजट और केंद्रीय बजट 92 साल तक अलग-अलग प्रस्तुत किये जाते रहे लेकिन 2017 में इनका विलय कर दिया गया, जिससे यह दीर्घकालिक परंपरा समाप्त हो गई.
7.' शब्द गणना' के मामले में सबसे लंबा बजट भाषण 1991 में नरसिम्हा राव सरकार के दौरान मनमोहन सिंह ने दिया था जिसमें कुल 18,650 शब्द थे. 2018 में अरुण जेटली का भाषण दूसरा सबसे लंबा बजट भाषण था जिसमें 18,604 शब्द थे, जो 1 घंटे 49 मिनट में बोला गया था.
8. 1955 तक केंद्रीय बजट केवल अंग्रेजी में ही पेश किया जाता था. बाद में (1955-56) कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकार ने बजट पत्र हिंदी और अंग्रेजी दोनों में छापने का फैसला किया और वार्षिक वित्तीय दस्तावेज पेश किया गया. इस परंपरा को वित्त मंत्री सीडी देशमुख ने शुरू किया था
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9. पूर्व प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई के नाम सबसे अधिक बजट पेश करने का रिकॉर्ड है . उन्होंने 1962 से 1969 तक 10 बजट पेश किए थे. दूसरे वित्त मंत्री जैसे पी चिदंबरम, प्रणब मुखर्जी, यशवंत सिन्हा और मनमोहन सिंह ने भी कई बजट पेश किए हैं.
10. 1999 तक केंद्रीय बजट परंपरागत रूप से फरवरी के आखिरी कार्य दिवस को शाम 5:00 बजे पेश किया जाता था. उस साल वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने बजट पेश करने का समय सुबह 11:00 बजे तय किया था. 2017 में अरुण जेटली ने इस परंपरा को बदलते हुए हर साल 1 फरवरी को बजट पेश करना शुरू कर दिया.
11. 2021 में केंद्रीय बजट भारत के इतिहास में पहली बार 'कागज़ रहित प्रारूप' में प्रस्तुत किया गया जो COVID-19 महामारी से प्रेरित था.
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