Who is IPS Aarti Singh: महाराष्ट्र सरकार ने पहलगाम आतंकी हमले (Pahalgam Terror Attack) के बाद मुंबई में आतंकियों के स्लीपिंग सेल तलाशने की स्पेशल कवायद शुरू की है. इसके लिए Mumbai Police में जॉइंट कमिश्नर का छठा पद बनाया गया है, जो स्पेशल ब्रांच (इंटेलिजेंस) संभालेगा. इस पद पर पहली नियुक्ति IPS Dr. Aarti Singh को मिली है. वो कौन हैं, हम आपको बताते हैं.
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डॉ. आरती सिंह UPSC 2006 बैच की महाराष्ट्र कैडर की IPS अफसर हैं. उन्होंने महज दूसरे प्रयास में ऑल इंडिया 118वीं रैंक के साथ यूपीएससी एग्जाम (UPSC Exam) में सफलता हासिल की थी.
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डॉ. आरती सिंह महाराष्ट्र के अमरावती की पुलिस कमिश्नर रह चुकी हैं. दावा है कि इस पद पर तैनाती के साथ ही वे देश की पहली महिला पुलिस कमिश्नर बन गई थीं. अपराध के प्रति उनके सख्त रवैये के कारण महाराष्ट्र पुलिस में उन्हें 'लेडी सिंघम' कहकर पुकारा जाता है.
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आरती सिंह का जन्म उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर जिले में एक मध्यम वर्गीय परिवार में हुआ था. आरती सिंह ने पुलिस अफसर बनने से पहले सफेद कोट पहनकर डॉक्टर के तौर पर लोगों की सेवा करने का सपना देखा था. वे गायनिक डॉक्टर (स्त्री रोग विशेषज्ञ) के तौर पर वाराणसी के Institute of Medical Science BHU में तैनात भी हुईं, लेकिन यहीं पर उन्होंने अपना पेशा बदलने का फैसला कर लिया.
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आरती सिंह के मुताबिक, बचपन से ही उन्होंने अपने परिवार और समाज में लड़कियों के प्रति दहेज की चिंता के कारण रुखा रवैया देखा था. डॉक्टर के तौर पर भी वे गायनिक वार्ड में बच्चे के पैदा होते ही सबसे पहले लोगों द्वारा उसका लिंग पूछने और लड़की पैदा होने पर उन्हें निराश होते हुई देखती थीं. इससे उन्हें बेहद दुख होता था. इस कारण उन्होंने लड़कियों के लिए आदर्श बनने का फैसला लिया और इसके लिए सिविल सेवा को सही रास्ता मानकर तैयारी शुरू की.
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फोर्ब्स एशिया की पॉवर बिजनेसवुमन मैगजीन ने डॉ. आरती सिंह को लिंगभेद के खिलाफ उनकी लड़ाई के लिए सराहा है. मैगजीन ने अपने साल 2024 के एडिशन में उन्हें अपनी लिस्ट में शामिल करते हुए उनके ऊपर खास लेख भी लिखा था.
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आरती सिंह को अपनी नौकरी के शुरुआती दिनों में नक्सल प्रभावित गढ़चिरौली में तैनाती पर भेज दिया गया, जिसे पुरुष अफसरों के लिए भी 'हार्ड असाइनमेंट' माना जाता था. आरती सिंह उस इलाके में तैनात होने वाली पहली महिला IPS अफसर थीं, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी. उन्हें साल 2009 के लोकसभा व विधानसभा चुनावों से पहले वहां भेजा गया था. उस समय गढ़चिरौली में नक्सलियों ने 17 पुलिसकर्मियों की दुर्दांत हत्या कर दी थी और राज्य व संसदीय चुनावों में वोट नहीं डाले जाने का ऐलान किया था. इसके बावजूद आरती सिंह ने वहां तैनाती के बाद शांतिपूर्ण चुनाव कराए बल्कि बड़े पैमाने पर नक्सलियों के हथियार भी बरामद किए थे.
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आरती सिंह को महिलाओं के अधिकारों के लिए लड़ने वाली अफसर के तौर पर जाना जाता है. इसी कारण महाराष्ट्र के बदलापुर में जब नन्हीं बच्चियों के यौन शोषण के कारण हिंसा की आग भड़क उठी तो सरकार ने विशेष जांच टीम (SIT) के गठन का ऐलान किया. इस टीम की इंचार्ज आरती सिंह को बनाया गया तो लोग खुद ही शांत हो गए.
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कोविड-19 की लहर के दौरान डॉ. आरती सिंह की तैनाती एसपी के तौर पर मालेगांव में थी. उस समय उन्होंने शहर में लोगों से लॉकडाउन नियमों का पालन कराने और उनके भरण-पोषण का इंतजाम करने के लिए एक खास तरीका अपनाया था. इसे 'मालेगांव मॉडल' के तौर पर पूरे देश में सराहा गया था.
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IPS आरती सिंह अब मुंबई पुलिस में जॉइंट सीपी (इंटेलिजेंस) का पद संभालेंगी. अब तक स्पेशल ब्रांच के इस पद को एडिशनल कमिश्नर लेवल का अफसर संभालता था, जो जॉइंट कमिश्नर (लॉ एंड ऑर्डर) को रिपोर्ट करता था. अब जॉइंट कमिश्नर (इंटेलिजेंस) के पद पर रहते हुए आरती सिंह सीधे मुंबई पुलिस कमिश्नर को रिपोर्ट करेंगी. उनकी प्रमुख जिम्मेदारी मुंबई में आतंकी संगठनों के स्लीपर सेल्स का पता लगाकर उन्हें न्यूट्रलाइज्ड कराना होगा ताकि देश में सबसे ज्यादा आतंकी हमले झेल चुकी 'आर्थिक राजधानी' में शांति बनी रह सके.
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IPS Aarti Singh कौन हैं, खाकी वर्दी पहनने वाली डॉक्टर है यूपी की बेटी
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