मुस्लिम समाज ने देश को कई काबिल आईएएस अधिकारी दिए हैं. आज हम आपको ऐसे ही 5 अधिकारियों से मिलवाने जा रहे है जिन्होंने अपनी काबिलियत से यूपीएससी में झंडे गाड़े.
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आईएएस अंसार शेख वर्तमान में पश्चिम बंगाल के कूच बिहार के एडीएम हैं. महाराष्ट्र से ताल्लुक रखने वाले अंसार के पिता ऑटोरिक्शा ड्राइवर का काम करते थे और उनकी मां खेतों में मजदूरी करती थीं. साल 2016 में उन्होंने अपने पहले प्रयास में उन्होंने यूपीएससी में 361वीं रैंक हासिल की थी.
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यूपी के बिजनौर से ताल्लुक रखने वाले जुनैद अहमद काफी एवरेज स्टूडेंट रहे हैं. उन्होंने बोर्ड की परीक्षाएं काफी मुश्किल से पास की थीं. उन्हें अपने चौथे प्रयास में यूपीएससी में सफलता हासिल हुई थी. साल 2018 में उन्होंने तीसरी रैंक लाकर आखिरकर अपना सपना पूरा किया.
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शाह फैसल यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा में पहली रैंक लाने वाले पहले कश्मीरी हैं. उन्होंने साल 2009 में यह परीक्षा क्रैक की थी. अपनी नौकरी से इस्तीफा देकर उनके राजनीति में एंट्री का मामला काफी चर्चा में रहा था हालांकि उन्होंने बाद में यूटर्न लेते हुए प्राशसनिक सेवा में फिर से वापसी की थी और फिलहाल संस्कृति मंत्रालय में उपसचिव के पद पर कार्यरत हैं.
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जम्मू-कश्मीर के रहने वाले आईएएस अतहर आमिर खान अक्सर अपने निजी जीवन को लेकर चर्चा में रहते हैं. उन्होंने साल 2015 में अपने दूसरे प्रयास में यूपीएससी की परीक्षा दूसरे रैंक के साथ पास की थी. उनके पिता मोहम्मद शफी खान पेशे से एक शिक्षक है. अतहर अपने परिवार के पहले प्रशासनिक अधिकारी हैं.
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यूपी से मुरादाबाद से ताल्लुक रखने वाले मोइन अहमद काफी गरीब परिवार से आते हैं. उनके पिता संविदा पर रोडवेज बस ड्राइवर थे. 5 भाई-बहनों के बीच उनका बचपन काफी तंगहाली में बीता. उन्हें साइबर कैफे खोलकर अपनी पढ़ाई का खर्चा निकालना पड़ा. साल 2022 में उन्होंने यूपीएससी में 296वीं रैंक हासिल की.
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देश के 5 सबसे फेमस मुस्लिम IAS, गरीबी को ठेंगा दिखाकर बने अधिकारी