यूपीएससी की परीक्षा को भारत की सबसे कठिन प्रतियोगी परीक्षाओं में से एक माना जाता है. इस परीक्षा को पास करने के लिए युवा कई घंटों तक लगातार पढ़ाई करते हैं. IAS, IFS, IRS या IPS बनने के लिए हर साल हज़ारों उम्मीदवार इस परीक्षा में शामिल होते हैं लेकिन उनमें से कुछ उम्मीदवार यह कठिन परीक्षा पास कर पाते हैं.
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यूपीएससी की परीक्षा को भारत की सबसे कठिन प्रतियोगी परीक्षाओं में से एक माना जाता है. इस परीक्षा को पास करने के लिए युवा कई घंटों तक लगातार पढ़ाई करते हैं. IAS, IFS, IRS या IPS बनने के लिए हर साल लाखों उम्मीदवार इस परीक्षा में शामिल होते हैं लेकिन उनमें से कुछ उम्मीदवार यह कठिन परीक्षा पास कर पाते हैं.
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आज हम आपको एक ऐसे शख्स से मिलाने जा रहे हैं जिन्होंने यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा पास करने के लिए IIT से पढ़ाई के बाद करोड़ों के सैलरी पैकेज वाली नौकरी छोड़ दी.राजस्थान से ताल्लुक रखने वाले कनिष्क कटारिया ने आईआईटी बॉम्बे से कंप्यूटर साइंस की डिग्री हासिल की है. पढ़ाई खत्म होने के बाद उनकी दक्षिण कोरिया में सैमसंग कंपनी में करोड़ों की सैलरी पैकेज वाली नौकरी लगी.
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हालांकि कनिष्क की महात्वाकांक्षा यूपीएससी पास कर आईएएस बनने की थी. कनिष्क के पिता सांवरमल वर्मा भी एक आईएएस रह चुके हैं और राजस्थान में सामाजिक न्याय और अधिकारिता विभाग के निदेशक के पद पर कार्यरत थे.
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साल 2017 में कनिष्क ने अपनी नौकरी छोड़ दी और यूपीएससी की तैयारी करने के लिए जयपुर वापस लौट आए. उन्होंने यूपीएससी की तैयारी के लिए किसी कोचिंग इंस्टीट्यूट का सहारा नहीं लिया और सेल्फ स्टडी के दम पर सफलता हासिल की.
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कनिष्क ने साल 2019 में अपने पहले प्रयास में ऑल इंडिया रैंक (AIR) 1 हासिल की. एक इंटरव्यू में कनिष्क कटारिया ने कहा, 'बचपन से ही मैंने अपने पिता और चाचा को देश की सेवा करते देखा है और इसी ने मुझे भी सिविल सेवा में जाने के लिए मोटिवेट किया.'
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कनिष्क कटारिया राजस्थान सरकार के कार्मिक विभाग (डीओपी) में जॉइंट सेक्रेटरी के पद पर कार्यरत हैं. हाल ही में पिता-पुत्र की यह जोड़ी काफी चर्चा में रही, जब कनिष्क कटारिया ने अपने पिता के रिटायरमेंट लेटर पर साइन किया. उनके पिता संभागीय आयुक्त भरतपुर के पद से 30 सितंबर 2024 को रिटायर हुए हैं.
Short Title
IITian जिसने छोड़ दी 1 करोड़ वाली नौकरी, IAS कनिष्क कटारिया की सक्सेस स्टोरी