कहते हैं कि बहादुरी और प्रतिभा उम्र की मोहताज नहीं होती. राष्ट्रपति भवन सांस्कृतिक केंद्र में आयोजित एक भव्य समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने ऐसे ही 17 खास बच्चों को प्रतिष्ठित प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार से सम्मानित किया. महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा आयोजित यह पुरस्कार भारत में बच्चों के लिए सर्वोच्च नागरिक सम्मान है. 14 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के सात लड़के और दस लड़कियों सहित 17 बच्चों को सात कैटिगरी में उनकी असाधारण उपलब्धियों के लिए सम्मानित किया गया. इन कैटिगरी में बहादुरी, कला और संस्कृति, पर्यावरण, नवाचार, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, सामाजिक सेवा और खेल शामिल है. बच्चों को उनके योगदान के लिए पदक, प्रमाण पत्र और प्रशस्ति पत्र पुस्तिकाएं दी गईं.
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असाधारण उपलब्धियों को मान्यता देना
राष्ट्रीय बाल पुरस्कार पाने वाले बच्चों को बधाई देते हुए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उनकी उपलब्धियों पर गर्व व्यक्त किया. उन्होंने कहा कि इन बच्चों ने अपने असाधारण काम से भारत के युवाओं के लिए एक उदाहण पेश किया है. उन्होंने कहा- 'ये प्रतिभाशाली लड़के और लड़कियां 2047 में जब देश अपनी स्वतंत्रता की शताब्दी मनाएगा, तब विकसित भारत के निर्माता होंगे.' राष्ट्रपति मुर्मू ने बच्चों में प्रतिभा को पहचानने और उसे निखारने की भारत की परंपरा पर जोर दिया तथा इस विरासत को और मजबूत करने का आह्वान किया.
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राष्ट्रीय बाल पुरस्कार पाने वाले बच्चों से मिलिए
बाल पुरस्कार विजेताओं ने अपने-अपने क्षेत्रों में उल्लेखनीय क्षमताओं का प्रदर्शन किया है और राष्ट्र को प्रेरणा दी है.
बहादुरी:
- 9 साल के सौरव कुमार ने तीन लड़कियों को डूबने से बचाकर अदम्य साहस का परिचय दिया.
- 17 वर्षीय इओना थापा ने आग लगने के दौरान 36 लोगों की जान बचाकर अपनी बहादुरी के लिए प्रशंसा पाई.
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कला और संस्कृति:
- कश्मीर के 12 साल के सूफी गायक अयान साजद को कश्मीरी संगीत में उनके योगदान के लिए सम्मानित किया गया. उनके गीतों में 'बेदर दाद चाने' जैसे हिट गाने शामिल हैं, जिन्हें सोशल मीडिया पर लोगों ने खूब पसंद किया.
- स्पाइनल मस्कुलर अट्रोफी से पीड़ित 14 साल की केया हटकर को IM POSSIBLE और SMA-ART जैसे उनके प्रयासों के लिए सम्मानित किया गया.
इनोवेशन:
- 15 साल के सिंधुरा राजा को पार्किंसंस रोगियों की मदद के लिए सेल्फ स्टेबलाइजिंग डिवाइस विकसित करने के लिए सम्मानित किया गया.
- 17 वर्षीय ऋषिकेश कुमार ने तकनीकी उत्कृष्टता का प्रदर्शन करते हुए कश्मीर की पहली साइबर सिक्योरिटी फर्म शुरू की.
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खेल:
- नक्सल प्रभावित क्षेत्र की जूडो खिलाड़ी हेमबती नाग ने खेलो इंडिया राष्ट्रीय खेलों में रजत पदक जीता.
- तीन वर्षीय अनीश सरकार ने सबसे युवा FIDE रैंक वाले शतरंज खिलाड़ी के तौर पर लोगों का दिल जीत लिया.
- 9 साल की सान्वी सूद पंजाब की एकमात्र बच्ची है जिसे एवरेस्ट बेस कैंप, अफ्रीका की सबसे ऊंची चोटी, ऑस्ट्रेलिया की सबसे ऊंची चोटी और रूस और ईरान की सबसे ऊंची चोटियों जैसी कई सबसे ऊंची चोटियों पर चढ़ने और भारतीय ध्वज फहराने के लिए सम्मानित किया गया है.
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संस्कृत साहित्य:
- मस्तिष्क पक्षाघात से जूझ रहे 17 साल के व्यास ओम जिग्नेश ने 5,000 से अधिक श्लोक याद किए और 500 से अधिक संस्कृत कार्यक्रमों में प्रस्तुति दी.
किसकी याद में मनाया जा रहा है वीर बार दिवस-
कार्यक्रम के दौरान राष्ट्रपति मुर्मू ने गुरु गोविंद सिंह के बेटों के बलिदान को याद किया. उनकी याद में ही 26 दिसंबर को वीर बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है. उन्होंने कहा, 'आस्था और स्वाभिमान के लिए उनके बलिदान पीढ़ियों को प्रेरित करते रहेंगे. राष्ट्र उनकी बहादुरी और अदम्य साहस के प्रति श्रद्धा से नतमस्तक है.'
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मिलिए उन 17 बच्चों से जिन्हें राष्ट्रपति से मिला राष्ट्रीय बाल पुरस्कार