दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक समागम महाकुंभ मेला उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में शुरू हो गया है. इसमें हर वर्ग के लाखों श्रद्धालु संगम में पवित्र डुबकी लगाकर 12 साल में एक बार होने वाले इस आयोजन में भाग लेने आ रहे हैं. महाकुंभ में आध्यात्मिक हस्तियों की एक विविध सभा होती है जिसमें राख से लिपटे नागा साधु भी शामिल होते हैं. प्रत्येक आध्यात्मिक संप्रदाय का अपना महत्व और विशेषताएं होती हैं, लेकिन कई ऐसे व्यक्ति हैं जो पहले से ही सुर्खियां बटोर रहे हैं. आईआईटीएन बाबा की कहानी भी काफी दिलचस्प है.

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कैसे IIT बॉम्बे पहुंचे अभय सिंह
आईआईटीएन बाबा का असली नाम अभय सिंह है जिन्हें लोग मसानी गोरख के नाम से भी जाना जाता है. आईआईटीएन बाबा महाकुंभ के पहले दिन ही प्रयागराज पहुंच चुके हैं. एयरोस्पेस इंजीनियरिंग ब्रांच से आईआईटी बॉम्बे से पढ़ाई करने वाले अभय सिंह आध्यात्मिक मार्ग पर चलने के लिए अपने साइंस के करियर को अलविदा कह दिया.

हरियाणा से ताल्लुक रखने वाले अभय ने आईआईटी बॉम्बे में चार साल बिताए हैं. उन्होंने बताया कि झज्जर जैसे छोटे शहर में आईआईटी का कोई कभी नाम ही नहीं सुना था. फिर 12वीं में स्कूल में इसकी कोचिंग के बारे में पता चला तो एक साल ड्रॉप करके दिल्ली आया और माइंड शार्प होने की वजह से आईआईटी जेईई में सिलेक्शन हो गया. एंट्रेंस एग्जाम में उन्हें 731वीं रैंक मिली थी. रैंक के हिसाब से उन्होंने एयरोस्पेस इंजीनियरिंग ब्रांच को चुना.

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फोटोग्राफी के लिए पैदा हुआ जुनून
इंजीनियरिंग की पढ़ाई खत्म होने के बाद उन्होंने डिजाइन में मास्टर्स की पढ़ाई की और उनमें फोटोग्राफी के प्रति जुनून पैदा हुआ. उन्होंने आईआईटी की इंटर्नशिप के दौरान 2 महीने तक उत्तराखंड में फोटोग्राफी की. फैशन इंडस्ट्री की फेमस मैग्जीन वॉग और जीक्यू के लिए भी उन्होंने काम किया है. फैशन फिल्मों और कई एड फिल्मों को भी उन्होंने डायरेक्ट किया. इस दौरान उन्होंने स्टूडेंट्स को फिजिक्स भी पढ़ाया. 

यहां से शुरू हुई वैरागी बनने की यात्रा
एक इंटरव्यू में उन्होंने बताया कि उन्होंने जीवन का असली मतलब खोजने के लिए सुकरात और प्लेटो जैसे दार्शनिकों की अवधारणनाओं का गहन अध्ययन किया. उन्होंने कहा- 'अब मैं समझ गया हूं कि यही असली ज्ञान है. अगर आपको मन या मानसिक स्वास्थ्य को समझना है, तो आप इसे आध्यात्मिकता के ज़रिए कर सकते हैं. आध्यात्म की अवस्था ही सबसे अच्छी अवस्था है.

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साल 2017 में आईआईटीएन बाबा डिप्रेशन का शिकार हुए और इससे बाहर निकलने में दोस्तों ने उनकी काफी मदद की. फिर उन्होंने कनाडा जाने के लिए ILETS की परीक्षा पास की और कनाडा चले गए लेकिन लंबे समय वहां भी टिक नहीं पाए. कोविड आने के बाद उनकी जिंदगी और तनाव से भर गई. 2021 में वह वापस घर आए लेकिन माता-पिता से उनकी नहीं बनी. इसके बाद वह 9 महीने तक सद्गुरु के आश्रम में भी रहे. 

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Mahakumbh 2025 After studying from IIT Bombay became passionate about photography know how Abhey Singh became a monk from an aerospace engineer
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IIT बॉम्बे...फोटोग्राफी का जुनून, कैसे एयरोस्पेस इंजीनियर से 'बाबा' बने अभय सिंह
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IIT बॉम्बे से पढ़ाई के बाद फोटोग्राफी का जुनून, जानें कैसे एयरोस्पेस इंजीनियर से 'बाबा' बने अभय सिंह

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एयरोस्पेस इंजीनियरिंग ब्रांच से आईआईटी बॉम्बे से पढ़ाई करने वाले अभय सिंह आध्यात्मिक मार्ग पर चलने के लिए अपने साइंस के करियर को अलविदा कह दिया. जानें IITian बाबा की पूरी कहानी
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IIT बॉम्बे...फोटोग्राफी का जुनून, कैसे इंजीनियर से 'बाबा' बने अभय सिंह?