Railways Group C Vacancy: भारतीय रेलवे बोर्ड ने ग्रुप ‘सी’ पदों पर सभी लंबित विभागीय चयन परीक्षाओं को रद्द करने का आदेश जारी किया है. यह निर्णय चार मार्च तक अंतिम रूप नहीं दिए गए और अप्रूव नहीं हुए चयन प्रक्रियाओं पर लागू होगा. रेलवे बोर्ड ने यह कदम हाल के दिनों में सामने आई कई अनियमितताओं और पेपर लीक मामलों को देखते हुए उठाया है. अब विभागीय पदोन्नति परीक्षाएं रेलवे भर्ती बोर्ड (RRB) के माध्यम से आयोजित की जाएंगी, ताकि पारदर्शी और निष्पक्ष परीक्षा प्रक्रिया सुनिश्चित की जा सके.
क्यों लिया गया यह फैसला?
सूत्रों के अनुसार, हाल ही में पंडित दीनदयाल उपाध्याय (DDU) रेल मंडल में लोको पायलट (ट्रेन ड्राइवर) की विभागीय परीक्षा के पेपर लीक होने का मामला सामने आया था. इस परीक्षा के जरिए लोको पायलटों को चीफ लोको इंस्पेक्टर (CLI) पद पर पदोन्नति मिलनी थी. मामले की जांच में सीबीआई ने डीडीयू के दो वरिष्ठ रेल अधिकारियों सहित 26 लोगों को गिरफ्तार किया था.
RRB क्यों?
रेलवे बोर्ड ने विभागीय पदोन्नति परीक्षाओं की विश्वसनीयता बनाए रखने के लिए आरआरबी को जिम्मेदारी सौंपी है. आरआरबी 2015 से अब तक 7.7 करोड़ उम्मीदवारों की परीक्षा आयोजित कर चुका है और उसकी प्रक्रिया पूरी तरह से पारदर्शी और फूलप्रूफ मानी जाती है. आरआरबी ने सहायक लोको पायलट, आरपीएफ सब इंस्पेक्टर, कांस्टेबल, जूनियर इंजीनियर और क्लर्क जैसे पदों पर भर्ती के लिए सफलतापूर्वक परीक्षाएं आयोजित की हैं.
क्या होगा आगे?
रेलवे बोर्ड के सर्कुलर के अनुसार, अगले आदेश तक कोई नई विभागीय चयन प्रक्रिया शुरू नहीं की जाएगी. यह फैसला भारतीय रेलवे के 13 लाख कर्मचारियों को प्रभावित करेगा. आरआरबी के जरिए परीक्षाएं कराने से पेपर लीक जैसी घटनाओं पर लगाम लगने की उम्मीद है.
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पेपर लीक के बाद रेलवे का बड़ा फैसला, ग्रुप सी की सभी पेंडिंग भर्तियां कैंसिल