दिल्ली के सभी प्राइवेट स्कूलों में शैक्षणिक सत्र 2025-26 के लिए आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) कोटे के तहत दाखिले की लॉटरी प्रक्रिया पहली बार पूरी तरह से पारदर्शी और निष्पक्ष तरीके से संपन्न हुई. इस प्रक्रिया को शिक्षा निदेशालय के कॉन्फ्रेंस रूम में 'ड्रॉ ऑफ लॉट्स' के जरिए ऑनलाइन लॉटरी सिस्टम से किया गया. कार्यक्रम में दिल्ली के शिक्षा मंत्री आशीष सूद भी मौजूद रहे. लॉटरी प्रक्रिया पूरी होने के बाद सभी डेटा को फ्रीज कर दिया गया और एक तीन सदस्यीय समिति द्वारा सीडी बनाकर सील कर दी गई.
कैसे हुई ड्रॉ प्रक्रिया?
लॉटरी की शुरुआत दिल्ली की गायत्री नामक महिला के बेटे भावेश के नाम के लिए की गई. ड्रॉ के लिए एक स्टैंडअलोन कंप्यूटर का इस्तेमाल किया गया, जो इंटरनेट से बिल्कुल अलग था. यहां तक कि मीडिया और अन्य लोगों के मोबाइल फोन भी कमरे के अंदर ले जाने की अनुमति नहीं थी. शिक्षा निदेशक और स्वयं शिक्षा मंत्री ने भी अपने फोन बाहर ही छोड़ दिए.
कैटेगरी के अनुसार आवेदन और सीटें
- नर्सरी:24,933 सीटों के लिए 1,00,854 आवेदन
- केजी: 4,682 सीटों के लिए 40,488 आवेदन
- कक्षा 1:14,430 सीटों के लिए 62,597 आवेदन
आय सीमा में बदलाव
इस साल EWS कोटे के तहत वार्षिक आय सीमा को 2.5 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दिया गया है, जिससे अधिक संख्या में लोग इस योजना का लाभ उठा सकें. शिक्षा मंत्री ने कहा कि यह कदम शिक्षा की सुलभता को मजबूत बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है.
पारदर्शिता के लिए उठाए गए कदम
इस आयोजन की निगरानी के लिए तीन अलग-अलग स्थानों पर कैमरे लगाए गए थे. साथ ही बड़ी संख्या में उपस्थित अभिभावकों के लिए टेलीविजन स्क्रीन भी लगाई गईं, ताकि सभी लोग ड्रॉ प्रक्रिया को प्रत्यक्ष रूप से देख सकें. चयनित बच्चों को आज शाम तक SMS के माध्यम से सूचित किया जाएगा. वे अपने दस्तावेजों के सत्यापन के बाद आवंटित स्कूलों में दाखिला ले सकेंगे.
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