आने वाले सालों में सीबीएसई के स्टूडेंट्स अपनी क्षमता के मुताबिक परीक्षा की कठिनाई का खुद चयन कर सकेंगे. कक्षा 10 के स्टूडेंट्स के लिए गणित (बेसिक और स्टेंडर्ड) के दो स्तरों को पेश करने के बाद अब सीबीएसई 2026-27 शैक्षणिक सत्र से कक्षा 9 और 10 के लिए विज्ञान और सामाजिक विज्ञान (स्टेंडर्ड और एडवांस्ड) के लिए भी इस दिशा में काम कर रहा है. इन विषयों को दो स्तरों पर पेश करने का फैसला सीबीएसई की पाठ्यक्रम समिति की हाल ही में हुई बैठक में लिया गया. अब बोर्ड की गवर्निंग बॉडी को इसपर अंतिम मंजूरी देनी है.
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क्या अलग होगा स्टडी मैटेरियल
हालांकि अभी इस पर फैसला लिया जाना बाकी है कि जिन स्टूडेंट्स ने एडवांस्ड स्तर का विकल्प चुनने का फैसला किया है, उनके लिए अलग स्टडी मैटेरियल होगा या सिर्फ वह एक अलग परीक्षा देंगे. सूत्रों के अनुसार सीबीएसई एनसीईआरटी द्वारा नई पाठ्यपुस्तकों के जारी होने का इंतजार कर रहा है जो अपडेटेड नेशनल फ्रेमवर्क के अनुसार होने वाला है.
सीबीएसई का यह फैसला राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप है, जिसमें कहा गया है कि "गणित से शुरू होने वाले सभी विषय और संबंधित मूल्यांकन दो स्तरों पर पेश किए जा सकते हैं, जिसमें छात्र कुछ विषयों को स्टैंडर्ड लेवल और कुछ को हाई लेवल पर चुन सकेंगे.' यह सुझाव स्टूडेंट्स पर दबाव और कोचिंग कल्चर को कम करने की नीति का हिस्सा है.
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अभी सिर्फ मैथ्स के लिए मिलता है विकल्प
फिलहाल बोर्ड कक्षा 10 के सिर्फ एक विषय के लिए परीक्षा के दो स्तर का विकल्प देता है. इस मॉडल में गणित (एडवांस) और गणित (बेसिक) चुनने वाले छात्रों के लिए पाठ्यक्रम समान है, लेकिन बोर्ड परीक्षा में प्रश्नपत्र और प्रश्नों का कठिनाई का स्तर अलग-अलग होता है. यह सिस्टम 2019-20 शैक्षणिक सत्र में शुरू किया गया था. सीबीएसई के आंकड़ों के अनुसार 2023-24 की परीक्षा में बेसिक स्तर (6,79,560 छात्र) की तुलना में गणित के एडवांस स्तर (15,88,041 छात्र) के लिए अधिक छात्रों ने रजिस्ट्रेशन करवाया था.
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इस फैसले के पीछे क्या है मंशा
एक सूत्र ने बताया कि कक्षा 9 और 10 के लिए दो स्तरों पर विज्ञान और सामाजिक विज्ञान की पेशकश करने के पीछे उद्देश्य यह है कि इन विषयों में रुचि रखने वाले छात्रों को कक्षा 11 में इन विषयों को लेने से पहले एडवांस स्तर पर इसकी पढ़ाई करने का मौका मिले. छात्रों को इस बात पर अंतिम फैसला लेने के लिए एक निश्चित समय-सीमा दी जाएगी कि वे एडवांस या बेसिक में से किसका चुनाव करना चाहते हैं, जिससे उन्हें उस अवधि के भीतर बदलाव करने की अनुमति मिल जाएगी.
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CBSE ने दी बड़ी खुशखबरी! अब स्टूडेंट्स अपनी क्षमता के मुताबिक चुन सकेंगे परीक्षा की कठिनाई