अगर आप 12वीं में गणित स्ट्रीम से पढ़ाई कर रहे किसी स्टूडेंट से उसके करियर की योजनाओं के बारे में पूछेंगे तो जरूर ही आपको IIT JEE परीक्षा पास करके आईआईटी में एडमिशन पाने का जवाब मिले. और यह जवाब हो भी क्यों न...आईआईटी भी देश के प्रतिष्ठित संस्थाओं में से एक है, जहां एडमिशन पाने के लिए लाखों उम्मीदवार JEE परीक्षा देते हैं. आईआईटी से पढ़ाई करने के बाद स्टूडेंट्स को भारतीय या विदेश कंपनियों में कैंपस प्लेसमेंट मिल जाती है. लेकिन आज हम आपको एक ऐसे शख्स के बारे में बताएंगे जिन्होंने JEE पास करके आईआईटी बॉम्बे में एडमिशन लिया. उन्हें अमेरिका की टॉप कंपनी में प्लेसमेंट भी मिल गया लेकिन साधु बनने के लिए उन्होंने मोटी सैलरी वाली नौकरी तक को छोड़ दिया. 

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यह कहानी आईआईटी ग्रेजुएट संकेत पारेख की है जो अमेरिका में केमिकल इंजीनियर के तौर पर काम कर रहे थे लेकिन आध्यात्म के रास्ते पर आगे चलने के लिए उन्होंने हाई फाई सैलरी वाली नौकरी तक को छोड़ दिया. उनके इस फैसले से उनकी मां और उनके दोस्त तक हैरान रह गए.  29 साल की उम्र में सब कुछ हासिल करने के बाद उन्होंने भोग विलास वाली जिंदगी को छोड़ने का फैसला कर सबको अचंभित कर दिया था.

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कैसे नास्तिक केमिकल इंजीनियर बने जैन भिक्षु
पारेख नास्तिक थे लेकिन उन्होंने नौकरी छोड़कर दीक्षा लेने का फैसला लिया. संकेत पारेख को आईआईटी बॉम्बे में उनके सीनियर भाविक शाह ने जैन धर्म से परिचित कराया था जिन्होंने खुद 2013 में जैन धर्म की दीक्षा ली थी. एक ऑनलाइन चैट के दौरान दोनों की बातचीत दार्शनिक विषयों पर चली गई जिससे संकेत को आत्मा, मन और शरीर के बारे में जानने में दिलचस्पी पैदा हुई. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार इससे प्रेरित होकर संकेत ने अपनी आलीशान जीवनशैली को छोड़ दिया और जैन धर्म की खोज शुरू कर दी. उन्होंने आचार्य युगभूषणसूरजी के मार्गदर्शन में ढाई साल बिताए जिसमें उन्होंने धर्म के अनुष्ठान और मूल सिद्धांतों को सीखा. टाइम्स ऑफ इंडिया से बातचीत में पारेख ने बताया- 'मैं नास्तिक था. अगर मैंने करियर बनाने का फैसला किया होता तो मुझे सब कुछ मिल जाता लेकिन मेरी आंतरिक आत्मा को कभी भी आज जैसी शांति नहीं मिल पाती.'

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मां को मनाना था काफी मुश्किल
संकेत ने खुद अपने सैलरी पैकेज का खुलासा नहीं किया लेकिन TOI के अनुसार वह इनकम टैक्स में 12 लाख रुपये/वर्ष का भुगतान कर रहे थे. संकेत पारेख ने कुछ साल पहले अपने पिता को खो दिया था. उन्होंने बताया कि अपने इस फैसले के बारे में उन्हें अपनी मां को समझाने का काफी प्रयास करना पड़ा. लेकिन जब उन्होंने अपनी मां को समझाया कि यह रास्ता ही एकमात्र ऐसा रास्ता है जो वास्तव में उन्हें खुशी देगा तो आखिरकार उनकी मां को उनके इस फैसले को स्वीकार करना ही पड़ा.

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After studying at IIT Bombay and getting a high paying job in the US then how did atheist chemical Engineer Sanket Parekh become a jain monk?
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IIT से पढ़ाई कर US में बढ़िया जॉब, फिर कैसे नास्तिक संकेत पारेख बने साधु?
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Sanket Parekh IIT Bombay
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IIT बॉम्बे से पढ़ाई कर US में मोटी सैलरी वाली जॉब, फिर आलीशान जिंदगी छोड़ कैसे नास्तिक संकेत पारेख बने साधु?

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आज हम आपको एक ऐसे शख्स के बारे में बताएंगे जिन्होंने JEE पास करके आईआईटी बॉम्बे में एडमिशन लिया. उन्हें अमेरिका की टॉप कंपनी में प्लेसमेंट भी मिल गया लेकिन साधु बनने के लिए उन्होंने मोटी सैलरी वाली नौकरी तक को छोड़ दिया. 
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IIT से पढ़ाई कर US में बढ़िया जॉब, फिर कैसे नास्तिक संकेत पारेख बने साधु?