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हिंदी की ये 5 जीवनियां आपके विचारों को देंगी नई धार

आज हम जिक्र करेंगे उन 5 किताबों पर जो मूल रूप से जीवनी-संस्मरण हैं. ये किताबें पाठकों के बीच बेहद मशहूर हैं. इसे पढ़कर पाठकों को वैचारिक रूप से एक नई धार मिलती है.

Love Stories पर आधारित हैं ये 5 किताबें, पढ़ें और इश्क की रूमानियत में खो जाएं! 

बिना प्यार के जिंदगी बेरंग है. इसलिए जानिये उन 5 किताबों के बारे में जो अपनी विषय वस्तु से हमें प्यार करना और प्यार में पड़ना सिखाती हैं. 

हल्की फुल्की रीडिंग के लिए बेस्ट हैं ये 5 किताबें

नई हिंदी की वो चुनिंदा 5 किताबें जो हैं तो लाइट रीडिंग के लिए. मगर इनमें ऐसा बहुत कुछ है, जो न केवल एंटरटेन करता है. बल्कि एक ही वक़्त में आप अपने अंदर कई सारे भावों का संचार होते हुए भी देखते हैं.

Best Five Books: मन-बुद्धि की Tonic हैं ये 5 किताबें, जल्द से जल्द पढ़ डालें

News Release : जीवन और समाज को समझने के लिए किताबों से दोस्ती जरूरी है. इन दिनों कई किताबें चर्चा में हैं. 'विपश्यना में प्रेम', 'बोलना ही है', 'आखिरी आवाज', 'मां, मन और माटी' और 'वीराना जिंदा होता है' - ऐसी ही कुछ किताबें हैं जिन्हें आपको जल्द से जल्द पढ़ लेना चाहिए.

जेल में जानवरों जैसा व्यवहार फिर कैसे बिताए इतने साल, जानें सावरकर भाइयों की गाथा

विनायक दामोदर सावरकर भारत की आजादी के इतिहास में ऐसे व्यक्ति हैं जो कुछ वर्षों से चर्चा में बने हैं. सावरकर को लेकर कई किताबें लिखी गई हैं और लिखी भी जा रही हैं. इस कड़ी में कमलकांत त्रिपाठी की लिखी गई 'विनायक दामोदर सावरकर नायक बनाम प्रतिनायक' पुस्तक चर्चा का केंद्र बनी हुई है.

साधु का घोड़ा चुराकर पछताया डाकू, एक रात में हुई घर वापसी

Haar Ki Jeet: 'हार की जीत' सुदर्शन की हिंदी में लिखी पहली कहानी है जो 1920 में 'सरस्वती' पत्रिका में प्रकाशित हुई थी. इसे पढ़ते हुए महसूस करेंगे कि हर इन्सान में इन्सानियत होती है. वक्त के थपेड़ों से वह भले दब जाती है, पर हल्की सी कोई कौंध सामने आती है और डाकू को भी नेकदिल इन्सान बना जाती है.

लखनऊ में 2 मार्च से शुरू होने जा रहा पुस्तकों का महाकुंभ, एंट्री होगी बिल्कुल मुफ्त

Lucknow Book Fair: लखनऊ में इस साल का पहला बुक फेयर 2 मार्च से शुरू होने जा रहा. यह बुक फेयर लखनऊ के चारबाग स्थित रविंद्रालय ग्राउंड में 10 मार्च तक चलेगा. सुबह 11 बजे से रात 9 बजे तक चलने वाले इस मेले में एंट्री बिल्कुल मुफ्त रखी गई है और देश भर के प्रकाशक यहां अपनी किताबों के साथ आ रहे हैं.

आखिर राजा श्रेणिक ने एक आम चोर को क्यों अपना गुरु मान लिया

Inspirational Story: आम चोर अपनी ओर आकर्षित करने की विद्या जानता था. राजकुमार अभयकुमार के कहने पर राजा श्रेणिक ने उस आम चोर से आकर्षणी विद्या सीखना शुरू किया. इस तरह राजा श्रेणिक का गुरु बन गया एक आम चोर. खास बात यह कि कहानी का यह हिस्सा हमें गुरु के महत्त्व और उनके प्रति सम्मान करने की सीख देता है.

राजमहल के बाग से फूल चुराने वाली युवती को शादी की पहली रात कौन सा वादा पूरा करना था

Inspirational Story: महाराजा श्रेणिक ने आम के ये पेड़ खास तौर से महारानी चेलना के लिए लगवाए थे. इन पेड़ों पर सालों भर आम फलते थे. लेकिन कड़ी पहरेदारी के बाद भी इस बाग से रोज आम की चोरी होने लगी. तब महाराजा के आदेश पर राजकुमार अभयकुमार ने अपनी बुद्धिमानी से चोर को कैसे पकड़ा, जानें इस कहानी को पढ़कर.

सेंट्रल जेल में लिखी गई एक कविता ने उड़ा दी थी अंग्रेजी हुकूमत की नींद, जानें विस्तार से

Pushp Ki Abhilasha: अंग्रेजी हुकूमत ने देश के प्रिय कवि-पत्रकार माखनलाल चतुर्वेदी को राजद्रोह के केस में गिरफ्तार कर बिलासपुर सेंट्रल जेल के बैरेक नंबर 9 में रखा था. 8 महीने की सजा काटने के दौरान जेल में ही माखनलाल ने 28 फरवरी 1922 को 'पुष्प की अभिलाषा' कविता लिखी.