डीएनए हिंदी: बिहार में 2020 में विधानसभा चुनाव हुए थे. नीतीश कुमार (Nitish Kumar) के नेतृत्व में बीजेपी-जेडीयू की गठबंधन सरकार बनी थी. लेकिन अब 21 महीने बाद दोनों दलों के बीच सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है. चर्चा है कि एक दो दिन में नीतीश कुमार की JDU और बीजेपी का गठबंधन टूट सकता है. ऐसे में नीतीश कुमार आरजेडी, लेफ्ट फ्रंट और कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार बनाने का विकल्प तलाश रहे हैं. बता दें कि बीजेपी और जेडीयू के बीच दूरी बढ़ने की शुरूआत कुछ ही महीने पहले हुई थी. जाति आधारित जनगणना के मुद्दे पर नीतीश कुमार बीजेपी से अलग-थलग नजर आए थे. इसके इलावा विधानसभा स्पीकर को लेकर भी उनकी नाराजगी कई बार सामने आई. लेकिन इसके पीछे सबसे बड़ी वजह ये 5 बताई जा रही हैं-

  1. 2019 में फिर से सत्ता में आने के बाद मोदी सरकार ने जेडीयू को सिर्फ एक ही सीट मंत्री पद के लिए पेशकश की. नीतीश कुमार ने इस पर कड़ी नाराजगी जताई थी और फैसला किया कि वह केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल नहीं होंगे. उन्होंने बिहार में विस्तारित मंत्रिमंडल में अपनी पार्टी के 8 सहयोगियों को शामिल कर पलटवार किया था और एक को BJP को खाली छोड़ दिया था. 
  2. बिहार के विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा और नीतीश कुमार के बीच रिश्ते ठीक नहीं हैं. नीतीश कुमार चाहते हैं कि विजय कुमार सिन्हा को विधानसभा अध्यक्ष पद से हटाया जाए. नीतीश कई बार उनको लेकर सदन में नाराजगी जता चुकें हैं. सिन्हा ने अपनी सरकार को लेकर सवाल उठाए थे. जिसे नीतीश कुमार ने संविधान का उल्लघंन बताया था. नीतीश चाहते हैं कि बीजेपी उन्हें हटाकर किसी और नेता को विधानसभा अध्यक्ष बनाए.
  3. पीएम नरेंद्र मोदी कई बार कह चुके हैं कि एक देश एक चुनाव होना चाहिए. मतलब राज्यों के विधानसभा चुनाव और लोकसभा चुनाव एक साथ कराए जाने चाहिए. जिसका विपक्ष ने कड़ा विरोध किया था. जेडीयू ने भी इस मुद्दे पर विपक्ष का समर्थन किया था. नीतीश कुमार इसके खिलाफ हैं. 
  4. नीतीश कुमार इसलिए भी नाराज है कि केंद्रीय मंत्रिमंडल में बीजेपी के सहयोगी दलों को प्रतिनिधित्व मात्र सांकेतिक रूप में मिल रहा है. आरसीपी सिंह के हाल ही में जेडीयू छोड़कर जाने के पीछे बीजेपी का हाथ बताया जा रहा है. आरसीपी सिंह ने केंद्रीय मंत्री बनने के लिए नीतीश कुमार को दरकिनार करते हुए बीजेपी नेतृत्व से सीधे तौर पर बात की थी. JDU के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह ने रविवार को कहा कि जब नीतीश कुमार ने 2019 में फैसला किया था कि हम केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल नहीं होंगे, लेकिन उसके बावजूद आरसीपी सिंह मंत्री बनने के लिए बीजेपी से बात कर रहे हैं.
  5. बिहार कैबिनेट के विस्तार में नीतीश कुमार अपनी पसंद चाहते हैं. भाजपा कोटे से भी कौन मंत्री बनेगा इस पर भी वह अपनी राय चाहते हैं. सुशील कुमार मोदी लंबे समय तक बिहार में डिप्टी सीएम रहे हैं. सुशील मोदी के साथ उनके संबंध अच्छे रहे हैं लेकिन बीजेपी ने उन्हें बिहार से बाहर कर दिया. कहा जाता है कि बीजेपी के कोटे से कौन मंत्री होगा इसकी कमान अमित शाह के हाथ होती है.

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These reasons for tussle between BJP and JDU in Bihar nitish kumar pm narendra modi amit shah
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JDU-BJP के बीच वो 5 बड़ी वजह, जिनकी वजह से टूटने के कगार पर गठबंधन
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