डीएनए हिंदी: कोरोना के बाद भारत में टीबी (TB) के बढ़ते मामले चौंकाने लगे हैं. भारत में 2021 में कुल 21.4 लाख टीबी के मामले सामने आए, जो 2020 की तुलना में 18 प्रतिशत ज्यादा हैं. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने गुरुवार को जारी की ग्लोबल टीबी रिपोर्ट 2022 की रिपोर्ट में यह दावा किया है. रिपोर्ट में बताया गया कि 2021 में 22 करोड़ लोगों की जांच की गई थी. डब्ल्यूएचओ द्वारा यह जांच दुनिया भर में के डायगोंसिस, ट्रीटमेंट और बीमारी के बोझ पर कोरोना महामारी (COVID-19) के प्रभाव को जांचने के लिए की गई थी.
भारत सरकार ने WHO ग्लोबल टीबी रिपोर्ट 2022 को गंभीरता से लेते हुए इस पर ध्यान देने की बात कही है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि सरकार की पहल ‘प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान’ के तहत 40 हजार से अधिक निक्षय मित्र (Nikshay Mitra) देशभर में 10.45 लाख टीबी मरीजों की फिलहाल मदद कर रहे हैं. इस रिपोर्ट का संज्ञान का लेते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने शुक्रवार को दावा कि भारत ने अन्य देशों के मुकाबले बहुत अच्छा प्रदर्शन किया है.
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मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया, ‘भारत में 2021 के दौरान टीबी मरीजों की संख्या प्रति लाख आबादी पर 210 रही, जबकि 2015 में प्रति एक लाख आबादी पर टीबी मरीजों की संख्या 256 थी. इस लिहाज से टीबी मरीजों की संख्या में 18 फीसदी कमी आई है.
साल 2025 तक देश टीबी मुक्त करने का लक्ष्य
मोदी सरकार (Modi government) ने साल 2025 तक भारत को टीबी मुक्त राष्ट्र (TB Free Nation) बनाने की दिशा में अभियान चलाया हुआ है. इस अभियान के तहत पूरे देश में ‘निक्षय मित्र’ (Nikshay Mitra) टीबी मरीजों की मदद कर रहे हैं. इस अभियान से जुड़ने के लिए सरकार ने निक्षय पोर्ट भी लॉन्च कर रखा है. इस निक्षय पोर्टल www.nikshay.in पर रजिस्टर करके बेहद आसानी से कम से कम एक साल के लिए किसी जिला, वार्ड या प्रखंड को अपनाने में अपनी रुचि दर्ज करा सकते हैं.
मुफ्त होता है टीबी का इलाज
भारत सरकार टीबी के इलाज के बारे में जागरुकता फैलाने के लिए समय-समय पर अभियान चलाती रहती है. इसके लिए विज्ञापन, पेंटिंग, लिखित प्रतियोगिता, टीवी पर डिबेट, प्रतियोगिता, दिवारों पर पेंटिंग बनाकर टीबी के प्रति जागरूकता का संदेश दिया जाता है. सरकारी अस्पतालों में इसका इलाज नि:शुल्क (Free) किया जाता है. सरकार इस बीमारी को खत्म करने के लिए वैक्सीन भी बनवा रही है.
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टीबी से क्या है नुकसान और इसके लक्षण?
- तीन सप्ताह से अधिक समय तक खांसी रहना
- खांसी के साथ बलगम आना, कभी कभार खून भी
- भूख कम लगना, सांस लेने में तकलीफ होना
- लगातार वजन घटना, शाम के दौरान बुखार का बढ़ जाना
- सीने में तेज दर्द होना जैसे कोई भी लक्षण होते हैं तो जरूर जांच करवाएं.
- टीबी का बैक्टीरिया शरीर के जिस भी हिस्से में होता है, उसके टिश्यू को पूरी तरह नष्ट कर देता है और इससे उस अंग का काम प्रभावित होता है.
- इसके नुकसान की बात करें तो अगर फेफड़ों में टीबी होती है तो उन्हें धीरे-धीरे खत्म कर देती है. यूटरस में है तो इनफर्टिलिटी (बांझपन) की वजह बनती है, हड्डी में है तो हड्डी को गला देती है.
ऐसे करें बचाव
टीबी से बचने के लिए हमेशा अपनी इम्युनिटी सिस्टम को ठीक रखें. डाइट के लिए खासकर प्रोटीन डाइट सोयाबीन, दालें, मछली, अंडा, पनीर का खाने में ज्यादा इस्तेमाल करें. कमजोर इम्युनिटी से टीबी के बैक्टीरिया के एक्टिव होने के चांस होते हैं. डॉक्टरों की माने तो टीबी का बैक्टीरिया कई बार शरीर में होता है लेकिन इंसान की इम्युनिटी अच्छी है तो वह एक्टिव नहीं हो पाता और टीबी नहीं होती. ज्यादा भीड़-भाड़ वाली जगहों पर जाने से परहेज करें. टीबी के मरीज से हमेशा दूर रहें. कम से कम एक मीटर की दूरी बना कर रखें और ना उसके बर्तन में खाना खाएं.
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