डीएनए हिंदी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में मंगलवार को कैबिनेट की मीटिंग हुई. इस दौरान कई अहम प्रस्तावों को मंजूरी मिली. कैबिनेट बैठक में 2021-2026 के लिए प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (PMKSY) को मंजूरी दे दी गई है. बता दें कि इस स्कीम से 22 लाख किसानों को काफी फायदा होगा. PMKSY की शुरुआत 2015 में अम्ब्रेला स्कीम के तहत हुई थी.
अम्ब्रेला स्कीम के अंग
अम्ब्रेला स्कीम के दो अंग होते हैं. इस योजना का इम्प्लीमेंटेशन जल शक्ति मंत्रालय करता है. जानकारी के लिए बता दें कि अम्ब्रेला स्कीम के दो भागों में पहला भाग एक्सेलरेटेड इरीगेशन बेनिफिट प्रोग्राम (AIBP) और हर खेती को पानी (HKKP) है. अब HKKP के भी 4 उपभाग हैं. जिनके नाम हैं-
कमांड एरिया डेवलपमेंट (CAD)
सरफेस माइनर इरीगेशन (SMI)
रेनोवेशन एंड रेस्ट्रोरेशन (RRR) ऑफ वॉटर बॉडीज
ग्राउंड वाटर डेवलपमेंट कम्पोनेंट
PMKSY के अंग
इसके अलावा PMKSY में दो और योजनाएं शामिल हैं. जिसका इम्प्लीमेंटेशन दो अन्य डिपार्टमेंट करता है. इनमें से 'पर ड्रॉप मोर क्रॉप' का इम्प्लीमेंटेशन कृषि विभाग करता है. इस स्कीम में सिंचाई की मॉडर्न टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया जाता है. इस स्कीम में सूक्ष्म सिंचाई तकनीक जैसे ड्रिप और स्प्रिंक्लर इरिगेशन सिस्टम के जरिये खेतों में अधिक उपज के लिए कम पानी का इस्तेमाल होता है. वहीं वाटरशेड डेवलपमेंट योजना का इम्प्लीमेंटेशन ग्रामीण विकास मंत्रालय का लैंड रिसोर्स डेवलपमेंट विभाग करता है.
Accelerated Irrigation Benefits Programme क्या है?
एक्सेलरेटेड बेनिफिट प्रोग्राम की शुरुआत केंद्र सरकार ने 1996-97 में की थी. जिसका लक्ष्य देश के बड़े और माध्यम सिंचाई परियोजनाओं को सहायता देना था. इस प्रोग्राम में उन परियोजनाओं पर फोकस किया जाता है जो परियोजनाएं पूरी होने की स्थिति में होती हैं. लेकिन वित्तीय समस्याओं की वजह से अड़चनें आती हैं. लेकिन बाद में इस प्रोग्राम को PMKSY के साथ जोड़ दिया गया. PMKSY के जुड़ने के समय AIBP के साथ 297 सिंचाई और बहुउद्देशीय परियोजनाएं जुड़ी हुई थीं। इनमें से अब तक 143 परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं और वहीं 5 परियोजनाओं की फोरक्लोजिंग हो गई है।
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