डीएनए हिंदी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 8 साल के शासनकाल में अनेक ऐसे निर्णय लिए जिन्हें लेने के लिए बड़े से बड़े नेता भी साहस नहीं दिखा पाए. क्योंकि ऐसे निर्णयों के गलत साबित होने पर भारी राजनीतिक नुकसान उठाना पड़ता है. राजनीतिक एक्सपर्ट्स की मानें तो भारतीय राजनीति में इंदिरा गांधी के बाद नरेंद्र मोदी ही ऐसे नेता हैं जो बड़ा खतरा देखकर भी जोखिम लेने से नहीं चूकते. पीएम मोदी ने ऐसा ही एक बड़ा फैसला 2016 सर्जिकल स्ट्राइक का लिया था.
उरी हमले के बाद भारतीय सेना ने 29 सितंबर 2016 को पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में नियंत्रण रेखा के पार आतंकियों के लॉन्च पैड को निशाना बनाकर सर्जिकल स्ट्राइक की थी. इस ऑपरेशन में 40 से ज्यादा आतंकी मारे गए थे और उनके लॉन्चिंग पैड को तबाह कर दिया गया था. भारत ने उरी हमले का बदला लेने के लिए इस सर्जिकल स्ट्राइक को अंजाम दिया था. जम्मू कश्मीर के उरी में 18 सितंबर 2016 को आतंकी हमले में 18 जवान शहीद हो गए थे. इस हमले के 10 दिन बाद भारत ने पाकिस्तान में सर्जिकल स्ट्राइक की थी.
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बालाकोट एयर स्ट्राइक
उरी की तरह 2019 में भी भारतीय सेना पर बड़ा आतंकी हमला हुआ था. पुलवामा में हुए इस हमले में 40 CRPF के जवान शहीद हो गए थे. इस हमले के बाद फिर सर्जिकल स्ट्राइक और पाकिस्तान को सबक सिखाने की मांग उठने लगी. तभी 26 फरवरी 2019 की सुबह भारतीय सेना के फाइटर जेट्स ने PoK में घुसकर बमबारी की और बालाकोट में आतंकियों के ठिकानों को नष्ट कर दिया. इस हमले की पाकिस्तान को कानों-कान खबर नहीं लगी. इस हमले में कई आतंकी मारे गए. इसके बाद पाकिस्तान के फाइटर जेट ने भारतीय सीमा में घुसने की कोशिश की , जिन्हे भारतीय वायुसेना ने खदेड़ दिया था.
सूर्योदय से पहले लौटने का दिया था निर्देश
सर्जिकल स्ट्राइक बाद में पीएम मोदी ने मिलिटरी ऐक्शन को लेकर विस्तृत जानकारियों का खुलासा किया था. उन्होंने बताया था कि कंमाडोज की सुरक्षा को देखते हुए दो बार हमले की योजना की तारीखों को बदला गया था. उरी हमले से मेरे साथ-साथ भारतीय सेना के जवान भी बहुत गुस्से में थे, जिसके बाद सर्जिकल स्ट्राइक की योजना बनाई गई. पीएम मोदी ने बताया, 'मैंने सेना चीफ को साफ निर्देश दिए थे कि चाहे आपको सफलता मिले या असफलता, इन सबके बारे में मत सोचिएगा, बस सूर्योदय से पहले सभी जवान वापस लौटने चाहिए. बेवजह के किसी उम्मीद में मत फंसिएगा और न ही इसे आगे बढ़ाइगा.' उन्होंने कहा कि मैं नहीं चाहता था कि ऑपरेशन में कोई भी सैनिक शहीद हो, इसके लिए साफ निर्देश दिए गए थे कि अगर वह असफल भी होते हैं तो सूर्योदय से पहले वापस लौट आएं.
भारतीय सेना के ऑपरेशन से घबराया पाकिस्तान
भारतीय सेना के इस ऑपरेशन से पाकिस्तान भी घबरा गया था और उसने यूएन में सीमा उल्लंघन का आरोप लगाकर अपना दुखड़ा रोया. लेकिन मोदी सरकार ने देश की सुरक्षा को लेकर अपने कदम कभी पीछे नहीं किए. जिसने भी देश की तरफ आंख उठाने की कोशिश की उन्हें करारा जवाब दिया गया.
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