डीएनए हिंदी : भारत में अब तक 158 करोड़ से अधिक वैक्सीन के डोज़ दिए जा चुके हैं. इसमें पहला डोज़, दूसरा डोज़ और बूस्टर तीनों का आंकड़ा शामिल है. इस वक़्त भारत में स्त्री और पुरुष के राष्ट्रीय अनुपात के अनुसार प्रति हज़ार पुरुष पर 933 स्त्रियां हैं पर कोविड टीके (covid vaccine) के अनुपात को देखा जाए तो पुरुषों को लगे हर 1000 वैक्सीन डोज़ पर लगभग 954 डोज़ स्त्रियों को लगाए गए हैं.
पीछे हैं दिल्ली-मुम्बई जैसे महानगर
वैक्सीनेशन (vaccination) का यह अनुपात उत्साहित करने वाला है पर यही चीज़ महानगरों के परिप्रेक्ष्य में देखी जाए तो लिंग अनुपात के साथ वैक्सीनेशन का लिंगानुपात भी बिगड़ा हुआ नज़र आएगा. उदहारण के लिए देश के दो सबसे बड़े शहर दिल्ली और मुंबई के आंकड़ों को देखा जाए तो मुंबई में पुरुषों को लगे 1000 डोज़ के मुक़ाबले स्त्रियों को केवल 694 डोज़ ही लगे हैं. शहर का आम लिंगानुपात तक़रीबन प्रति हज़ार पुरुष पर 832 स्त्रियों का है. कोविन पोर्टल से मिले डेटा के हिसाब से वैक्सीन (covid vaccine) लगाने का सेक्स रेशियो इससे भी कम है.
वहीं दिल्ली में सेक्स रेशियो (sex ratio) हज़ार पुरुषों पर 868 महिलाओं का है पर जब वैक्सीनेशन के अनुपात को देखा जाता है तो पुरुषों को लगे 1000 डोज़ के एवज में औरतों को लगे टीके का आंकड़ा 742 पर ही अटका हुआ है. ठीक यही पैटर्न बेंगलुरु, कोलकाता और चेन्नई के मामले में भी मिलता है.
बिहार, असम, छत्तीसगढ़, केरल, ओडिशा सहित 9 प्रदेश हैं विनर
देश के 36 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में केवल 9 जगहों पर स्त्रियों को लगे कोविड वैक्सीन का अनुपात पुरुषों से बेहतर है. इन 9 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में आंध्र प्रदेश, बिहार, असम, छत्तीसगढ़, केरल, ओडिशा, पुदुचेरी, तमिल नाडु और पश्चिम बंगाल शामिल हैं. उत्तर प्रदेश जहां सबसे अधिक वैक्सीन (covid vaccine) लगाया गया है वहां यह अनुपात आम सेक्स रेशियो (sex ratio) से तो बेहतर है पर पुरुषों की तुलना में कम है. उत्तर प्रदेश में पुरुषों को अगर हज़ार डोज़ लगाए गए हैं तो स्त्रियों को 936 डोज़ लगे हैं.
क्या वजह हो सकती है औरतों के कम वैक्सीन रेशियो की
विशेषज्ञों का मानना है कि कोविड वैक्सीन (covid vaccine) डोज़ के इस बिगड़े हुए अनुपात की वजह पुरुषों के स्वास्थ्य को महिलाओं के स्वास्थ्य के ऊपर प्राथमिकता देने की मानसिकता है. यह समाज में मौजूद गहरे लैंगिक भेदभाव को भी प्रदर्शित करता है. इस पर बात करते हुए स्वास्थ्य मंत्रालय से जुड़े सूत्रों का कहना है कि "इस अनुपात के पीछे की एक वजह भिन्न कार्यालयों द्वारा वैक्सीन को कंपल्सरी करना भी हो सकती है. चूंकि काम करने वाले पुरुषों की संख्या अधिक है इसलिए शायद अधिक पुरुषों को वैक्सीन लगाया गया है, हालांकि सरकार निरंतर वैक्सीनेशन कैंप लगवा रही है ताकि अधिक से अधिक स्त्रियों और पुरुषों को वैक्सीन के डोज़ दिए जा सकें."
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