डीएनए हिंदी: जल ही जीवन है ये बात तो आपने कई बार सुनी होगी, मगर एक व्यक्ति ऐसा है जिसने जल संरक्षण को ही अपना जीवन बना लिया. नोएडा के एक गांव में रहने वाले रामवीर तंवर को देश और दुनिया में अब Pondman of India के नाम से जाना जाता है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी मन की बात कार्यक्रम में उनका नाम ले चुके हैं.जानते हैं कैसे कि रामवीर तंवर ने इस सफर की शुरुआत-
मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई
गांव से जुड़े रामवीर तंवर ने माता-पिता के सपनों को पूरा करने के लिए मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की. इसके बाद मल्टीनेशनल कंपनी में उनकी नौकरी भी लग गई. अच्छी-खासी सैलरी भी मिलने लगी. अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए रामवीर नौकरी के साथ-साथ ट्यूशन भी पढ़ाते रहे. इसी दौरान उन्हें पर्यावरण को लेकर कुछ करने की सूझी. बच्चों को पढ़ाते हुए उन्हें लगा कि जो पढ़ाया जा रहा है, वह जीवन में काम नहीं आ रहा है. बच्चे एन्यवायरमेंटल स्टडी को सिर्फ सब्जेक्ट के तौर पर पढ़ते हैं, रटते हैं और टॉप भी कर लेते हैं, लेकिन उन्हें जमीनी हकीकत पता नहीं होती. यहीं से उन्होंने अपने ट्यूशन में आने वाले बच्चों के साथ जल चौपाल की शुरुआत की.
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यहां देखें खास बातचीत का पूरा इंटरव्यू-
जल चौपाल से तालाब बनाने तक
जल चौपाल के साथ ही क्लीन ड्राइव जैसे कई कार्यक्रम शुरू किए गए. लोगों का साथ मिलता गया औऱ रामवीर तंवर आगे बढ़ते गए. बताते हैं, 'धीरे-धीरे मुझे समझ आने लगा कि मैं यही करना चाहता हूं, मगर नौकरी के साथ-साथ यह करना संभव नहीं था इसलिए नौकरी छोड़ दी. इस पर घरवालों का विरोध भी झेलना पड़ा. मगर मैंने उनसे अपने लिए 2-3 साल का समय मांगा. बस फिर जो सफर शुरू हुआ तो मुड़कर नहीं देखना पड़ा.
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7 साल में 40 से ज्यादा तालाब
दिल्ली-एनसीआर के अलावा हरियाणा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश में रामवीर तंवर और उनकी टीम 40 से ज्यादा तालाब बना चुके हैं. अब वह दक्षिण भारतीय राज्यों में भी अपना काम शुरू करने वाले हैं, उनका मकसद है जल संसाधनों का संरक्षण करना ताकि आने वाली पीढ़ियों को किसी तरह के जल संकट का सामना ना करना पड़े.
बेटी पूछती है-पापा आप करते क्या हो
इस पूरे सफर के बारे में बात करते हुए एक दिलचस्प किस्सा शेयर करते हुए रामवीर बताते हैं, 'मेरी बेटी से स्कूल में पूछा जाता है कि पापा क्या करते हैं तो वो कह देती है पॉन्डमैन हैं, लेकिन उसकी टीचर औऱ दोस्त समझ नहीं पाते कि पॉन्डमैन क्या होता है. एक बार जब उसने मुझसे पूछा कि पापा आप क्या करते हो, मैं अपने टीचर और दोस्तों को क्या बताऊं तो मैंने उससे कहा कि तुम उन्हें बोलो कि मेरे पापा पॉन्डमैन हैं और इससे ज्यादा जानकारी के लिए आप गूगल कर लो, अब वो सबको यही बताती रहती है.'
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PM मोदी भी हैं इस Pondman के मुरीद, इंजीनियरिंग की नौकरी छोड़कर बना रहा है तालाब