डीएनए हिन्दी :  “खुलवाया था अकाउंट, पर वह तो कब का बंद हो गया. एको गो पैसा नहीं निकाले उससे, कार्ड ही नहीं दिया.” बिहार के सहरसा ज़िले की अनरसा देवी जन-धन खाते के सबसे शुरुआती धारकों में रही हैं. उनके लिये अकाउंट खुलवाना, बैंक जाना बड़ी बात थी. जन-धन खाता होना उनके लिए काफी उत्साह का सबब था पर आज सात सालों बाद वह उत्साह खत्म हो गया है और जन-धन अकाउंट की बात भूली-बिसरी बात हो गयी है. 

वहीं नेशनल कैपिटल रीजन में आने वाले शहर फरीदाबाद में कपड़े की एक फैक्ट्री में नौकरी कर रहे रमेश अपने जन-धन खाते का नियमित रूप से इस्तेमाल कर रहे हैं. साढे बारह हज़ार की तनख़्वाह पाने वाले रमेश इस खाते का इस्तेमाल बचत खाते के तौर पर करते हैं.

अनरसा देवी के भूले-बिसरे खाते और रमेश के एक्टिव खाते के बीच सरकार के द्वारा दी गयी जन-धन खातों से जुड़ी हुई एक ख़ास जानकारी बेहद मायने रखती है.   प्रधानमंत्री जन-धन योजना के दौरान खुले हुए खातों में 2021 के दिसम्बर तक करीब डेढ़ लाख करोड़ रुपये जमा हो गए हैं. यह जानकारी सरकार ने हाल ही में दी

.anarsa devi

(अनरसा देवी)

जन-धन खातों के खुलने की शुरुआत

जन धन खाता योजना मोदी सरकार की सबसे शुरुआती और बेहद महत्वाकांक्षी योजनाओं में शामिल थी. मोदी सरकार के प्रथम कार्यकाल के दौरान ही जन-धन खाते खुलवाने की शुरुआत हुई थी. डिजिटल इंडिया की क्रांति लाने से पहले इस योजना को लाने का उद्देश्य देश के हर नागरिक को बैंक खाते की मूलभूत सुविधा का लाभ दिलवाना था. इसकी शुरुआत 28 अगस्त 2014 को हुई थी और पहले दिन ही लगभग डेढ़ करोड़ जन-धन बैंक खाते खोले गए थे.

कितने जन-धन खाते खुले हैं अब-तक

29 दिसम्बर 2021 को प्रधानमंत्री जन-धन योजना के अधिकारिक पेज पर डाले गये विवरण के मुताबिक इस वक़्त देश में कुल 44.23 करोड़ जन-धन उपभोक्ता या लाभुक हैं. इनमें से लगभग 29 करोड़ उपभोक्ता ग्रामीण अथवा कस्बाई इलाकों से आते हैं और 14.69 करोड़ खाता-धारक शहरी अथवा महानगरीय क्षेत्र से.

कितने हैं एक्टिव यूजर्स

फरवरी 2020 में हिंदू बिज़नेस लाइन ने एक ख़ास रपट पेश की थी. इस रिपोर्ट के मुताबिक 15 जनवरी 2020 तक खुले 37 करोड़ से अधिक खोले गए खातों में हर पांचवां खाता डोरमैंट यानी सुप्तावस्था में था, उसका उपयोग नहीं किया जा रहा था.

लगभग 13 करोड़ उपभोक्ताओं के पास नहीं है डेबिट कार्ड

29 दिसम्बर 2021 को सरकार के द्वारा ज़ारी किये गये डाटा के अनुसार 44 करोड़ से अधिक खाता धारकों में केवल 31.28 करोड़ खाता धारकों के लिए रुपे डेबिट कार्ड ज़ारी किया गया है. इसका अर्थ यह हुआ कि तकरीबन तीस प्रतिशत ( तेरह करोड़) खाता धारक बिना किसी एटीएम कार्ड की सुविधा के हैं.

प्रधानमंत्री जन-धन योजना की जब शुरुआत हुई थी तो उसके मूल में आम लोगों तक बैंकिग की सभी सुविधाओं को पहुंचाना था. इन सुविधाओं में डेबिट कार्ड की ज़रुरत को मुख्य रूप से रेखांकित किया गया था.

डेबिट कार्ड के साथ आती है एक्सीडेंटल कवर की सुविधा

प्रधानमंत्री जन-धन योजना की वेबसाइट पर जन-धन खाते से सम्बंधित जानकारियों को खंगालते हुए यह जानकारी मिली कि जन-धन खातों के विशेष लाभ के तौर पर हाइलाइट किये गए एक्सीडेंटल कवर की सुविधा खाता-धारकों के लिए रुपे कार्ड के साथ आती है. रुपे कार्ड्स के लिए यह कवर 2018 तक एक लाख रुपये का था जबकि अगस्त 2018 में इसे बढ़ाकर दो लाख रुपये कर दिया गया है. सरकारी आंकड़ों के अनुसार यह सुविधा फिलहाल उन सत्तर प्रतिशत खाता धारकों के पास ही है जिनके पास रुपे कार्ड है.

pmjdy

Url Title
Jan Dhan accounts have over 150 thousand crore but 30% account holders have no debit card
Short Title
डेढ़ लाख करोड़ रुपये जमा हुए जन-धन खातों में
Article Type
Language
Hindi
Page views
1
Embargo
Off
Image
Image
jandhan yojna
Date updated
Date published