डीएनए हिंदी: हम सब जानते हैं कि जल है तो कल है. यानी कि पानी से ही जीवन है और पानी को बचाने और उसे संरक्षित रखने के उद्देश्य से भारत में 10 अप्रैल को जल संसाधन दिवस के तौर पर मनाया जाता है. आज इस दिन जानते हैं कि भारत में पानी की क्या स्थिति है और कैसे यह भविष्य के लिए खतरे की घंटी बन सकता है.
भारत में तेजी से कम हो रहा जल संसाधन
विश्व मौसम विज्ञान संगठन की 2021 की स्टेट ऑफ क्लाइमेट सर्विसेज की रिपोर्ट के अनुसार, वैश्विक स्तर पर 2002-2021 के मध्य स्थलीय जल संग्रहण में 1 सेमी प्रति वर्ष की दर से गिरावट दर्ज की गई है. भारत में संग्रहण में कम-से-कम 3 सेमी प्रति वर्ष की दर से गिरावट रिकॉर्ड की गई है. यह भविष्य के लिहाज से बहुत खतरनाक संकेत हैं. देश के कुछ क्षेत्रों में तो यह गिरावट 4 सेमी प्रति वर्ष से भी ज्यादा दर्ज की गई है.
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भारत में करोड़ों बच्चों को नहीं मिल रहा स्वच्छ पानी
यूनिसेफ की ओर से 18 मार्च 2021 को जारी रिपोर्ट के अनुसार, भारत में 9.14 करोड़ बच्चे गंभीर जल संकट का सामना कर रहे हैं. बच्चों के जल संकट के लिए अतिसंवेदनशील माने जाने वाले 37 देशों में से एक भारत भी है. यूनिसेफ की रिपोर्ट कहती है कि वर्ष 2050 तक भारत में वर्तमान में मौजूद जल का 40 प्रतिशत समाप्त हो चुका होगा.
भारत में दुनिया का सिर्फ 4% जल संसाधन
भारत में विश्व की 17 प्रतिशत जनसंख्या निवास करती है किंतु जल उपलब्धता मात्र 4% है. प्रति वार्षिक जल उपलब्धता के लिहाज से चीन, ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका जैसे देशों से भी काफी पीछे हैं. भारत में भूजल की सर्वाधिक 89% खपत सिंचाई क्षेत्र में होती है जबकि 9% भूजल घरेलू उपयोग हेतु और 2% व्यावसयिक उद्देश्यों में इस्तेमाल होता है.
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Jal Sansadhan Diwas: तेजी से कम हो रहा है भारत में पानी, अपने बच्चों के लिए आज से ही संभल जाएं