डीएनए हिंदी: स्वदेशी लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टर (LCH) प्रचंड को आज भारतीय वायुसेना में शामिल कर लिया गया. रक्षा मामलों में आत्मनिर्भर भारत की ओर ये एक और अहम कदम है. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, "यह एक महत्वपूर्ण अवसर है जो रक्षा उत्पादन में भारत की क्षमता को दर्शाता है". आज से 32 साल पहले पूर्व राष्ट्रपति और वैज्ञानिक मिसाइल मैन अब्दुल कलाम ने सपना देखा था कि भारत में स्वदेशी हथियारों का हिस्सा 70 प्रतिशत होना चाहिए. आइये जानते है मोदी सरकार इस पैमाने पर कितनी खरी उतरी है. 

क्या था अब्दुल कलाम का रक्षा क्षेत्र के लिए सपना
मिसाइलमैन अब्दुल कलाम ने अपनी किताब Vision 2020 में  रक्षा क्षेत्र में स्वदेशी हथियारों का हिस्सा तत्कालीन 30 प्रतिशत से बढ़ाकर भविष्य में 70 प्रतिशत करने के लिए उनके सपने के बारे में लिखा था. हालांकि, इससे करीब एक दशक पहले भी वो ये बात कह चुके थे. साल 1990 में उनकी अध्यक्षता में आत्मनिर्भरता के विषय पर ही एक कमेटी बनी. इस कमेटी ने हथियारों के मामले में 70 प्रतिशत आत्मनिर्भरता हासिल करने की बात कही थी. 

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रक्षा क्षेत्र में कितने आत्मनिर्भर हुए हम 
भारत के सामने दो मुश्किल पड़ोसी देश हैं. एक का जन्मजात बैरी है तो दूसरे की विस्तारवादी सोच हमेशा भारत को घेरने का प्रयास करती रही है. इसी कारण से देश को अपनी सीमाओं की सुरक्षा करने के लिए भारत जैसे विकासशील देश को भारी रक्षा खर्च करना पड़ता है.नरक्षा सौदों को पूरा होते-होते सालों साल निकल जाते है . इसलिए इन्हें साल दर साल देखने की बजाए एक ट्रेंड में देखना ज्यादा बेहतर तस्वीर देगा.

साल 2014-15 में भारत ने कुल 65,860 करोड़ रुपये की रक्षा खरीद की थी, जिसका 39.45 % हिस्सा विदेश से था. भारत की रक्षा खरीद लगातार बढ़ती गई. इस बीत साल 2018-19 में तो विदेशों से आयातित सामान 49 प्रतिशत तक पहुंच गया था. 

मगर पिछले दो सालों में आंकड़ो में सुधार हुआ है. साल 2020-21 में भारत की रक्षा खरीद में देश की हिस्सेदारी बढ़कर 64 प्रतिश हो गई. वहीं, अगले साल 2021-22 में भी ये कुल 112,386 करोड़ की रक्षा खरीद में देश का हिस्सा 63% के पास था. यही नहीं इस साल (2022-23) के बजट में भी स्वदेशी रक्षा खरीद का हिस्से का लक्ष्य बढ़ाकर 68% कर दिया है. साल 2021-22 में भारत ने किया 12,815 करोड़ का रक्षा निर्यात भारतीय सरकारी और निजी कंपनियां रक्षा खरीद में विकल्प बनकर न केवल देश के लिए तो बहुमूल्य विदेशी मुद्रा बचा रही है. बल्कि अब ये अपने उत्पादों को निर्यात कर विदेशी मुद्रा अर्जित भी कर रही हैं. साल 2016-17 में भारत का रक्षा निर्यात महज 1,522 करोड़ का था. साल 2021-22 में ये करीब 8 गुना बढ़कर 12,815 करोड़ रुपये हो गया है.

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India nearing the target of 70 percent self-reliance of former President Abdul Kalam in the defense sector
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रक्षा क्षेत्र में पूर्व राष्ट्रपति कलाम के 'विजन 2020' के लक्ष्य के पास भारत
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एपीजे अब्दुल कलाम
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पूर्व राष्ट्रपति कलाम की 32 साल पुरानी चाहत के करीब भारत, जानिए क्या था सपना