डीएनए हिंदी: इनकम टैक्स स्लैब तो आपक सबको पता ही होगा. अगर आपकी आय 3 लाख से लेकर 5 लाख के बीच में है तो 5 फीसदी की दर से टैक्स लगेगा. वहीं अगर 5 से 7.5 लाख के बीच में आय है तो 10 फीसदी की दर से टैक्स लगता है. 7.5 से 10 लाख रुपये की आय पर 15 फीसदी की दर से टैक्स है.10 से 12.50 लाख रुपये की आय पर 20 फीसदी की दर से टैक्स है. इसके बाद 12.5 लाख से 15 लाख रुपये की आय पर 25 फीसद की दर से टैक्स है और अगर 15 लाख रुपये से अधिक की आय है तो इसपर 30 फीसद की दर से टैक्स है. लेकिन क्या आपको यह पता है की कुछ ऐसे ट्रांजैक्शन भी हैं. जिनपर इनकम टैक्स विभाग (Income Tax Department) नजर रखता है. अगर नहीं मालूम है तो यहां हम आपको कुछ ऐसी ही जरुरी ट्रांजैक्शन के बारे में बताएंगे.
फिक्स्ड डिपाजिट (FD)
फिक्स्ड डिपाजिट (FD) वैसे तो निवेश के लिए काफी अच्छा विकल्प है. लेकिन अगर आप एक साल में या एक से अधिक बार फिक्स्ड डिपाजिट (FD) में 10 लाख रुपये या इससे ज्यादा कैश के रुप में जमा करते हैं. तो आयकर विभाग (income tax department) आपसे रुपयों के स्रोत के बारे पूछताछ कर सकता है. ऐसे में कोशिश करें की फिक्स्ड डिपाजिट (FD) में चेक या ऑनलाइन पेमेंट के जरिये ही रुपये जमा करें.
बचत खाता (Savings account)
अगर कोई व्यक्ति वित्तीय वर्ष में अपने अकाउंट में कैश के तौर पर 10 लाख या उससे ज्यादा जमा करता है. तो ऐसी स्थिति में भी आयकर विभाग (income tax department) आपसे रुपयों के स्रोत के बारे पूछताछ कर सकता है. इसलिए कोशिश करें की अपने बचत खाते (Savings account) में चेक या ऑनलाइन पेमेंट ही करें.
क्रेडिट कार्ड बिल पेमेंट (Credit card bill payment)
कई बार क्रेडिट कार्ड (credit card) का इस्तेमाल हम इतना ज्यादा कर लेते हैं कि उसका बिल हमारे सर पर चढ़ जाता है. जिसके बाद पैसों का इंतजाम कर के हम एकमुश्त पैसे भरने की कोशिश करते हैं. लेकिन अगर आपके क्रेडिट कार्ड का बिल 1 लाख रुपये से ज्यादा है और आप कैश के रुप में एकमुश्त रुपये जमा करना चाह रहे हैं. तो संभल जाइए, क्योंकि ऐसी स्थिति में आयकर विभाग (income tax department) पूछताछ कर सकता है.
प्रॉपर्टी ट्रांजैक्शन (Property Transaction)
अगर आप प्रॉपर्टी लेने वाले हैं और प्रॉपर्टी रजिस्ट्रार को कैश में बड़ी ट्रांजैक्शन करने वाले हैं तो संभल जाइए. अगर आप 30 लाख रुपये से ऊपर कोई भी प्रॉपर्टी (property) कैश में खरीदते हैं. तो प्रॉपर्टी रजिस्ट्रार की तरफ से इसकी जानकारी आयकर विभाग (income tax department) को जाएगी. इसलिए इसका पेमेंट चेक या ऑनलाइन मोड में करें.
शेयर, म्यूचुअल फंड, डिबेंचर और बॉन्ड में निवेश
अगर आप निवेश करते हैं तो शेयर, म्यूचुअल फंड, डिबेंचर और बॉन्ड में तो जरुर ही निवेश किया होगा. लेकिन इन सभी निवेश में अगर आप वित्तीय वर्ष में 10 लाख या इससे ज्यादा रुपयों का ट्रांजैक्शन करते हैं तो आपके लिए यह निवेश भारी पड़ सकते हैं. क्योंकि 10 लाख से ज्यादा के ट्रांजैक्शन पर आयकर विभाग (income tax department) आपसे इन्क्वायरी कर सकता है.
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