डीएनए हिंदीः बॉलीवुड फिल्म नायक आपको याद होगी. फिल्म में अनिल कपूर (Anil Kapoor) एक दिन के लिए मुख्यमंत्री बनते हैं. एक दिन का मुख्यमंत्री बनने के बाद वह ऐसे फैसले लेते हैं जो लोगों के दिलों में अपनी छाप छोड़ देते हैं, हालांकि असल राजनीति इससे काफी अलग होती है. क्या आपको पता है कि उत्तर प्रदेश में एक नेता ऐसे भी हैं जो महज कुछ घंटों के लिए मुख्यमंत्री रह चुके हैं. हम आपको बताते हैं कि कैसे यूपी में आधी रात को एक मुख्यमंत्री बना और कुछ ही घटों में उसकी कुर्सी भी छिन गई.
इस नेता के नाम है ये अनचाहा रिकॉर्ड
यूपी में कुछ ही घंटों के लिए मुख्यमंत्री बनने का अनचाहा रिकॉर्ड जगदंबिका पाल (Jagdambika Pal) के नाम है. घटना करीब 2 दशक पुरानी है. 21 फरवरी 1998 को उत्तर प्रदेश की राजनीति में अचनाक भूचाल आ गया. उस समय कल्याण सिंह (Kalyan Singh) यूपी के मुख्यमंत्री थे. तब रोमेश भंडारी यूपी के राज्यपाल होते थे. अचानक उन्होंने कल्याण सिंह को उनके पद से हटा दिया. कल्याण सिंह की कैबिनेट में मौजूद जगदंबिका पाल को रात करीब 10:30 बजे मुख्यमंत्री पद की शपथ दिला दी गई.
यह भी पढ़ेंः Yogi Adityanath दोबारा बने मुख्यमंत्री तो UP में एक साथ टूटेंगे कई रिकॉर्ड
कैसे घटा घटनाक्रम
दरअसल मायावती (Mayawati) ने लखनऊ में एक नाटकीय संवाददाता सम्मेलन को संबोधित किया जिसमें उन्होंने साफ साफ कर दिया कि वह कल्याण सिंह को कुर्सी से हटाने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगी. उधर मुलायम सिंह (Mulayam Singh) ने भी कह दिया था कि अगर मायावती बीजेपी की सरकार को गिराना चाहती हैं तो वह भी इसके लिए पीछे नहीं रहेंगे.
दिन में करीब दो बजे मायावती अपने विधायकों के साथ राजभवन पहुंच गईं. उनके साथ अजीत सिंह की भारतीय किसान कामगार पार्टी, जनता दल और लोकतांत्रिक कांग्रेस के भी विधायक थे. मायावती ने राजभवन में ही ऐलान कर दिया कि कल्याण सिंह मंत्रिमंडल में यातायात मंत्री जगदंबिका पाल उनके विधायक दल के नेता होंगे. उन्होंने राज्यपाल रोमेश भंडारी से अनुरोध किया कि कल्याण सिंह मंत्रिमंडल को तुरंत बर्ख़ास्त करें, क्योंकि उसने अपना बहुमत खो दिया है और उसकी जगह जगदंबिका पाल को मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाएं.
कल्याण सिंह लखनऊ में नहीं थे मौजूद
जिस समय यह घटनाक्रल चल रहा था तब मुख्यमंत्री कल्याण सिंह गोरखपुर में अपनी पार्टी के लिए चुनाव प्रचार कर रहे थे. जब उन्हें इसकी जानकारी दी गई तो वह सभी कार्यक्रम बीच में ही छोड़कर शाम तक लखनऊ लौट आए. उन्होंने राज्यपाल से मुलाकात कर उन्हें समझाने की कोशिश की कि उन्हें विधानसभा में बहुमत सिद्ध करने का मौक़ा दिया जाए, लेकिन रोमेश भंडारी ने उनकी बात नहीं मानी.
यह भी पढ़ेंः कैसे होते हैं Exit Poll? चुनाव के नतीजों से पहले कैसे पता चल जाता है रुझान
राजभवन के बाहर धरना हुआ
राज्यपाल ने मुख्यमंत्री कल्याण सिंह को उनके पद से हटा दिया. राज्यपाल के इस फैसले से उत्तर प्रदेश की राजनीति में भूचाल आ गया. राजभवन और सीएम हाउस को पत्रकारों ने घेर लिया. खुद बीजेपी के सबसे बड़े नेता अटल बिहारी वाजपेयी धरने पर बैठ गए.
आधी रात खटखटाया हाईकोर्ट का दरवाजा
राज्यपाल के फैसले के खिलाफ आधी रात को ही हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया गया. हाईकोर्ट मामले को सुनने के लिए राजी हो गया. सुबह जब मामले की सुनवाई हुई को कोर्ट ने राज्यपाल के फैसले को रद्द कर दिया. हाईकोर्ट ने एक बार फिर कल्याण सिंह को मुख्यमंत्री बनाने का आदेश दिया. कोर्ट के आदेश के बाद जगदंबिका पाल को कुर्सी खाली करनी पड़ी. बाद में विधानसभा में 26 फरवरी को बहुमत साबित किया गया जिसमें कल्याण सिंह कामयाब रहे.
- Log in to post comments