उत्तर प्रदेश में नए मंत्रियों के बीच विभागों का बंटवारा हो गया है. योगी मंत्रीमंडल में पूरी तरह से ऐसा लग रहा है कि उनकी ही चली है. कुछ नए चेहरों को बड़ी जिम्मेदारी सौंपी गई है. इसके पीछे की कई वजहें हैं. कही मंत्री के जरिए जाति के समीकरण को साधने की कोशिश है तो कहीं विकास के विजन में आने वाली हर बाधा पर बुलडोजर चलाना है.
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कभी कांग्रेस में गांधी परिवार के करीबी रहे जितिन प्रसाद अब योगी मंत्रीमंडल का सबसे अहम चेहरा हैं. प्रसाद को पीडब्लूडी मंत्रालय सौंपा गया है. जितिन प्रसाद यूपीए सरकार में मंत्री रह चुके हैं और प्रदेश में ब्राह्मण समाज के बीच अच्छी पकड़ रखते हैं. माना जा रहा है कि जाति के साथ-साथ उनका उच्च शिक्षित होना और पूर्व में मंत्रालय संभालने का अनुभव काम आया है.
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योगी सरकार ने पश्चिमी यूपी में जाट समुदाय पर अपनी पकड़ बनाए रखने के लिए भूपेंद्र चौधरी के एक बार फिर से कैबिनेट में जगह दी है. जाट समुदाय ने किसान आंदोलन के बाद भी बीजेपी पर भरोसा जताया है. ऐसे में उस बिरादरी के बड़े चेहरे को पंचायती राज्य मंत्रालय का जिम्मा सौंपकर 2024 के लक्ष्य को भी साधने की कोशिश है. भूपेंद्र सिंह चौधरी के पिछले मंत्रिमंडल के विभाग बनाए रखकर उनके सियासी कद व काडर का महत्व बरकरार रखा गया है. मोदी और योगी का फोकस 2024 में भी ग्रामीण वोट पर है और यह चौधरी के दर्जे से समझी जा सकती है.
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योगी सरकार में पहली बार स्वतंत्र प्रभार राज्यमंत्री मंत्री बने दयाशंकर सिंह को परिवाहन मंत्रालय की जिम्मेदारी सौंपी गई है. दयाशंकर सिंह पहली बार विधायक बने हैं और उन्हें मंत्री पद भी मिल गया है. पूर्वांचल इलाके में उनकी अच्छी पकड़ है और संगठन को मजबूत करने का उन्हें इनाम मिला है. सिंह के बारे में कहा जाता है कि दूसरी पार्टी के नेताओं को बीजेपी में शामिल कराने में उनकी प्रभावी भूमिका रही है.
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उत्तर प्रदेश बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह की योगी कैबिनेट में फिर से वापसी हुई है. सिंह को प्रदेश के बड़े नेताओं के साथ सीएम योगी आदित्यनाथ के खास लोगों में माना जाता है. प्रदेश अध्यक्ष बनने से पहले पिछली सरकार में स्वतंत्र देव सिंह परिवहन मंत्री का दायित्व संभाल चुके हैं. इस बार उन्हें प्रमोशन मिला है. उन्हें सिंचाई, जल शक्ति तथा बाढ़ नियंत्रण का जिम्मा सौंपा गया है.
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अरविंद कुमार शर्मा को यूपी का ऊर्जा और नगर विकास मंत्री बनाकर सीएम योगी ने दोहरी जिम्मेदारी सौंपी है. शर्मा राजनीति में आने से पहले आईएएस रह चुके हैं और गुजरात काडर में रहते हुए पीएम मोदी के खास लोगों में उन्हें शुमार किया जाता है. मोदी के भरोसेमंद अधिकारी पर योगी ने भरोसा जताया है. नौकरशाही का अनुभव होने के साथ-साथ उन्हें टास्क मास्टर के तौर पर जाना जाता है.