कुछ साल पहले वैज्ञानिकों को कछुए का एक 12 करोड़ साल पुराना जीवाश्म मिला था. आइए विश्व कछुआ दिवस (World Turtle Day) पर जानते हैं इस जीव से जुड़े कुछ ऐसे ही रोचक तथ्यों के बारे में-
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माना जाता है कि कछुओं की उम्र 150-200 साल के करीब होती है. ये हाल-फिलहाल के जीव नहीं है, बल्की धरती पर इनका अस्तित्व करोड़ों साल पुराना है. कछुए सांप, छिपकली और मगरमच्छ से पहले भी धरती पर रह रहे हैं.
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यह जीव अंतरिक्ष तक की यात्रा भी कर चुका है. सन 1968 में सोवियत संघ ने दो कछुओं सहित कई जानवरों के साथ एक अंतरिक्ष यात्रा शुरू की थी. अंतरिक्ष में एक सप्ताह बिता कर लौटने के बाद देखा गया कि इन दोनों कछुओं के शरीर का वजन 10% कम हो गया था.
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जानकारी के अनुसार, अगर कछुए के दिमाग को इसके शरीर से अलग कर दिया जाए तो भी ये करीब 6 महीनों तक जीवित रह सकते हैं.
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मादा कछुआ एक बार में 1 से 30 अंडे देती हैं. इसके लिए वे पहले मिट्टी खोदकर स्थान बनाती हैं. वहीं, इन अंडों से बच्चे निकलने में 90 से 150 दिन का समय लगता है.
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बता दें कि कछुओं के मुंह में दांत नहीं होते हैं. इससे अलग उनके मुंह में एक तीखी प्लेट की तरह हड्डी का पट्ट होता है जो खाना चबाने में उनकी सहायता करता है.
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कछुओं के कवच के रंग से पता लगाया जा सकता है कि ये जिस इलाके में रहते हैं, वहां का तापमान कैसा है. दरअसल, गर्म इलाकों में रहने वाले कछुओं के कवच का रंग हल्का होता है. वहीं, ठंडी जगह पर रहने से ये गहरे रंग का हो जाता है. यानी अगर आपको कोई हल्के रंग की शेल वाला कछुआ नजर आए तो समझ जाइएगा कि वो किसी गर्म इलाके से वासता रखता है.
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कछुआ जब अपने कवच में छुपता है तो उसे अपने फेफड़ों की हवा निकालनी पड़ती है. ऐसा करते हुए आप उसे सांस छोड़ते हुए सुन भी सकते हैं.
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इसके अलावा इनका कवच इतना मजबूत होता है कि वो बंदूक की गोली तक का भी सामना कर सकता है. माना जाता है कि इनके कवच को तोड़ने के लिए उनके वजन से 200 गुना ज्यादा वजन की जरूरत पड़ेगी. हालांकि बाज पक्षियों को इसे तोड़ने की तरकीब पता है. वो कछुए को अपने पंजों में दबा कर काफी ऊंचे उड़ जाते हैं और फिर उसे वहां पत्थरों या पहाड़ियों पर गिरा देते हैं, जिससे कवच टूट जाता है.
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प्राचीन रोमन मिलिट्री कछुओं से बेहद प्रभावित हुई थी. उनकी सेना के जवानों ने कछुए से ही लाइनें बनाना और अपनी ढाल को सिर के ऊपर रखना सीखा था ताकि लड़ाई के दौरान दुश्मन के वार से बचा जा सके.
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पूरी दुनिया में कछुओं की कुल 300 प्रजातियां (species) हैं जिनमें से वर्तमान में 129 प्रजातियां संकट में हैं. दुनियाभर में कछुओं की घटती संख्या को देखते हुए और लोगों में इनके संरक्षण के प्रति जागरूकता पैदा करने के लिए प्रतिवर्ष 23 मई को विश्व कछुआ दिवस मनाता जाता है.
Short Title
World Turtle Day: पढ़ें कछुओं के बारे में हैरान करने वाले रोचक तथ्य