इस साल हम देश का 73वां गणतंत्रता दिवस मना रहे हैं. आज से 72 साल पहले भारत के पहले राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद ने 26 जनवरी 1950 के दिन 21 तोपों की सलामी के साथ तिरंगा फहराया और भारत को पूर्ण गणतंत्र घोषित किया था. उन्होंने हिंदी और इंग्लिश दोनों भाषाओं में भाषण दिया था. तब से ही 26 जनवरी के दिन को गणतंत्र दिवस के रूप में एक राष्ट्रीय उत्सव के तौर पर मनाया जा रहा है. इसके बाद और इससे पहले भी 25 जनवरी की यह तारीख इतिहास में काफी अहम रही है. जानते हैं 26 जनवरी की इस तारीख से इतिहास की किताब में गणतंत्रता दिवस के अलावा और कौन सी अहम घटनाएं व स्मरण जुड़े हैं-
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ब्रिटिश शासन के अंतर्गत पहली बार सन् 1930 को 26 जनवरी के ही दिन स्वराज दिवस मनाया गया था. 26 जनवरी 1929 को भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का वर्षिक अधिवेशन तत्कालीन पंजाब प्रांत की राजधानी लाहौर में हुआ था. यहां कांग्रेस के पूर्ण स्वराज का घोषणा-पत्र तैयार किया गया था. प्रस्ताव में कहा गया था कि अगर अंग्रेजी हुकूमत 26 जनवरी 1930 तक भारत को उसका प्रभुत्व नहीं देती है तो भारत खुद को स्वतंत्र घोषित कर देगा. कांग्रेस ने 26 जनवरी की तारीख को पूर्ण स्वराज दिवस घोषित किया था.
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3 दिसंबर से 16 दिसंबर, 1971 तक भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध चला. भारत की जीत हुई और बांग्लादेश अस्तित्व में आया. इस दौरान, भारत के कई वीर जवानों ने प्राणों का बलिदान दिया. जब 1971 युद्ध खत्म हुआ तो 3,843 शहीदों की याद में एक अमर ज्योति जलाने का फैसला हुआ. इसे जलाने के लिए दिल्ली के इंडिया गेट को चुना गया. तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने 26 जनवरी 1972 को अमर जवान ज्योति का उद्घाटन किया था.
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आज से 21 साल पहले भारत के पश्चिमी हिस्से में आए जोरदार भूकंप से गुजरात कांप उठा था. आज बेशक किसी अन्य व्यक्ति को यह दिन याद ना हो, लेकिन गुजरात के लोग उस तबाही के मंजर को शायद ही कभी भूल पाते होंगे. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस प्राकृतिक आपदा में 16 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी और कई लाख लोग घायल हो गए थे.
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यह भी दिलचस्प है कि उन्हें पहले मुंबई के जे.जे.कॉलेज ऑफ आर्ट्स से रिजेक्ट कर दिया गया था. जब वह करियर के एक मुकाम पर पहुंचे तो इसी कॉलेज में उन्हें बतौर चीफ गेस्ट बुलाया गया था. उन्होंने जब जे.जे.कॉलेज में दाखिले के लिए आवेदन दिया था, तब उन्हें कॉलेज के डीन ने एडमिशन देने से मना कर दिया था. वजह उनमें जरूरी स्किल की कमी बताई गई. जब चीफ गेस्ट के तौर पर आर.के.लक्ष्मण उसी स्कूल में पहुंचे तब उन्होंने अपनी स्पीच में इस बात का जिक्र किया था.
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26 जनवरी 1950 यानी गणतंत्र का त्योहार. गणतंत्र दिवस का कार्यक्रम 24 जनवरी से शुरू हो जाता है. 24 जनवरी को राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार पाने वाले बच्चों के नाम का ऐलान किया जाता है. 25 जनवरी की शाम राष्ट्रपति देश के नाम संबोधन देते हैं. 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस का मुख्य कार्यक्रम आयोजि किया जाता है. इस दौरान राजपथ पर परेड निकाली जाती है. 27 जनवरी को प्रधानमंत्री परेड में शामिल हुए एनसीसी कैडेट के साथ मुलाकात करते हैं. वहीं 29 जनवरी को रायसीना हिल पर बीटिंग द रिट्रीट कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है. इस दौरान तीनों सेनाओं के बैंड शानदार धुन के साथ मार्च पास्ट करते हैं. इसी के साथ गणतंत्र दिवस का कार्यक्रम खत्म होता है.