प्रीति चंद्रा ने पहली ही कोशिश में यूपीएससी एग्जाम पास कर लिया था. अब वह एक धाकड़ पुलिस ऑफिसर के तौर पर जानी जाती हैं. उनकी जिंदगी अब उन सभी औरतों के लिए एक मिसाल है, जो छोटे शहर से होने के बाद भी सपनों की बड़ी उड़ान भरना चाहती हैं.
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राजस्थान के सीकर की प्रीति चंद्रा अब बीकानेर की एसपी बन चुकी हैं. इसी के साथ वह बीकानेर की पहली महिला एसपी भी बन गई हैं. वह अपने अच्छे कामों और लेडी सिंघम वाली इमेज की वजह से अक्सर सुर्खियों में रहती हैं. चोर, डाकू और डकैत उनके नाम से ही कांपते हैं. उनका खौफ ऐसा है कि कई अपराधी सरेंडर कर चुके हैं. वह मानव तस्करी करने वाले कई गैंग्स का पर्दा भी फाश कर चुकी हैं. उन्होंने पहली ही कोशिश में यूपीएससी एग्जाम पास कर लिया था.
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प्रीति का जन्म सीकर जिले के कुंदन गांव में सन् 1979 में हुआ था. प्रीति चंद्रा आईपीएस ऑफिसर बनने से पहले एक स्कूल टीचर थीं. इससे पहले वह एक पत्रकार बनना चाहती थीं, लेकिन एम.फिल पूरी करने के बाद उन्होंने स्कूल में पढ़ाना शुरू कर दिया.
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प्रीति चंद्रा ने प्रशासनिक सेवा से जुड़ने के लिए कड़ी मेहनत की और सन् 2008 में यूपीएससी परीक्षा पहली ही बार में पास कर ली. बिना कोचिंग के वह आईपीएस ऑफिसर बन गईं.
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प्रीति चंद्रा की सबसे पहले पोस्टिंग राजस्थान के अलवर में हुई थी. आईपीएस ऑफिसर बनने के बाद वह एसएसपी बनीं. उन्होंने बूंदी और कोटा में बतौर एसपी सेवाएं दीं. फिलहाल वह बीकानेर में एसपी हैं. इसके अलावा वह जयपुर मेट्रो कॉरपोरेशन में डिप्टी कमिश्नर ऑफ पुलिस के तौर पर भी सेवाएं दे चुकी हैं.
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बूंदी में एसपी रहने के दौरान प्रीति चंद्रा ने मानव तस्करी करने वाले एक गैंग का पर्दाफाश किया था. उन्होंने कई नाबालिग लड़कियों को इस घिनौने जाल से मुक्त कराया था. इसके बाद से अपराधी उनके नाम से ही खौफ खाने लगे थे और उन्हें लेडी सिंघम कहा जाने लगा.