नॉर्थ कोरिया में कोरोना (Covid-19) के मामले बेकाबू हो चुके हैं. तानाशाह किम-जोंग-उन खुद हालात पर नजर बनाए हुए हैं. इसके बावजूद भी कोरोना की रफ्तार अभी तक थमती नहीं देख रही है. देश में कड़ी पाबंदियां लागू की गई हैं और विदेशी राष्ट्रों ने भी मदद की पेशकश की है.
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तानाशाह किम जोंग उन के सेना को तैनात करने के बाद भी कोरोना के संदिग्ध मामले रुकने का नाम नहीं ले रहे हैं. उत्तर कोरिया में कोरोना के 1,86,000 नए संदिग्ध मामले सामने आए हैं। इन लोगों में बुखार के लक्षण देखे गए हैं। इस बीच मरने वालों की संख्या भी बढ़कर 67 हो गई है.
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उत्तर कोरिया ने रविवार को जारी बयान में 1,86,000 नए संदिग्ध कोविड-19 मामले सामने आने की पुष्टि की है. नए केस के साथ कोविड से एक और मौत भी हुई है. उत्तर कोरिया की आधिकारिक कोरियन सेंट्रल न्यूज एजेंसी ने राज्य में आपातकालीन महामारी रोकथाम मुख्यालय के आंकड़ों का हवाला देते हुए बताया कि 24 घंटे की अवधि में शाम 6 बजे तक 186,090 से अधिक लोगों ने बुखार के लक्षण दिखे हैं. एक अतिरिक्त मौत की सूचना की भी पुष्टि की गई है.
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नॉर्थ कोरिया के हालात देखते हुए अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने मदद की पेशकश की है.बाइडेन ने कहा कि हमने उत्तर कोरिया तक अपना संदेश भिजवाया है. इस मुश्किल स्थिति में हम उनकी मदद के लिए तैयार हैं. साउथ कोरिया ने भी मदद के लिए हाथ बढ़ाया है. हालांकि, वैक्सीन और मदद के इस ऑफर पर अब तक नॉर्थ कोरिया की ओर से कोई जवाब नहीं आया है.
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केसीएनए के अनुसार, देश में अप्रैल के अंत तक बुखार के आंकड़े 2.64 मिलियन से अधिक हो गए थे.इनमें से 2.06 मिलियन से अधिक लोग ठीक हो चुके हैं और कम से कम 579,390 का इलाज किया जा रहा है. हालांकि, विदेशी मीडिया का दावा है कि असल स्थिति इससे काफी विकराल हो सकती है.
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अप्रैल के अंत से इस देश में करीब 20 लाख लोग रहस्यमयी बुखार से पीड़ित हो चुके हैं. 12 मई को नॉर्थ कोरिया ने पहली बार अपने देश में कोरोना वायरस पाए जाने की घोषणा की गई थी. इस बीच वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (WHO) ने नॉर्थ कोरिया के हालात पर चिंता जताते हुए कहा है कि वहां जिस अंदाज में कोरोना केस से निपटा जा रहा है उससे दुनिया में कोरोना का नया वैरिएंट फैलने का खतरा पैदा हो गया है.
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WHO ने मार्च 2020 में कोरोना वायरस को महामारी घोषित किया था। पिछले करीब ढाई साल से नॉर्थ कोरिया अपनी सीमाओं को सील करते हुए इस घातक वायरस से बचे रहने का दावा करता रहा, लेकिन इस साल अप्रैल के अंत से 2.6 करोड़ की आबादी का एक बड़ा हिस्सा रहस्यमयी बुखार से पीड़ित है. बेकाबू हालात के बाद भी किम जोंग उन ने अब तक किसी और देश से न तो मदद मांगी है और न ही मदद का ऑफर स्वीकार किया है. वैश्विक शक्तियों को आशंका है कि किम जोंग की सनक का असर कहीं पूरी दुनिया पर न दिखे. विश्व स्वास्थ्य संगठन भी उत्तर कोरिया से नए वेरिएंट के फैलने की चिंता जाहिर कर चुका है.