परिवार की जिम्मेदारी निभाने वाली हर मां अपनी कोशिशों से घर को आगे ले जाती है. कुछ माएं ऐसी भी हैं जिन्होंने अपने देश की बागडोर भी संभाली और मातृ शक्ति को भी नए आयाम दिए हैं. इनमें से किसी ने अपने देश में लोकतंत्र की बहाली के लिए काम किया तो किसी ने महामारी के दौर में शानदार काम का उदाहरण पेश किया है.
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बांग्लादेश की सबसे लंबे समय तक प्रधानमंत्री रहने वाली शेख हसीना को कई बार उनके नाती-पोतों और बेटे-बेटियों के साथ क्वालिटी टाइम बिताते देखा गया है. हसीना की बेटी साइमा वाजिद हुसैन बांग्लादेश में ऑटिज्म एक्टिविस्ट के तौर पर मशहूर हैं. ऑटिस्टिक बच्चों के लिए उनके काम की सराहना वैश्विक स्तर पर हो चुकी है. शेख हसीना ने ढाका ट्रिब्यून से बातचीत में कहा था कि उन्हें कभी भी यह अहसास नहीं हुआ कि परिवार और बच्चे उनके राजनीतिक करियर में बाधा बन सकते हैं.
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बेनजीर ने साल 1988 में चुनाव जीतकर पाकिस्तान का शासन संभाला था. जब बिलावल पैदा हुए, तब बेनजीर 1988 में चुनाव के लिए कैंपेनिंग कर रही थी. उसके बाद 24 जनवरी 1990 में बड़ी बेटी बख्तावर भुट्टो को जन्म दिया था. वे पहली ऐसी महिला प्रधानमंत्री थीं जो पद पर रहते हुए मां बनीं थीं. बेनजीर भुट्टो ने नवजात बच्ची के जन्म के 1 हफ्ते बाद ही कामकाज संभाल लिया था.
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न्यूजीलैंड की पीएम जेसिंडा आर्डर्न के कोविड मैनेजमेंट की दाद पूरी दुनिया दे रही है. जेसिंडा न सिर्फ लोकप्रिय वैश्विक नेता हैं बल्कि वह एक सुपरमॉम भी हैं. उन्होंने गर्भावस्था के दौरान भी लगातार अपनी सक्रियता बनाए रखी थी और अक्सर उन्हें नवजात बच्ची के साथ कई कार्यक्रमों में देखा जाता था. आर्डर्न यूएन सेशन में भी बच्ची को साथ लेकर गई थीं. आधुनिक दौर की कामकाजी महिलाओं के लिए वह एक रोल मॉडल हैं.
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इंग्लैंड की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने और देश में कानून-व्यवस्था कायम करने की वजह से मार्गेट थैचर को आयरन लेडी कहा जाता है. राजनीतिक जीवन से इतर थैचर क्रिसमस पर अपने बच्चों के साथ क्रिसमस ट्री भी सजाती थीं. इतना ही नहीं वह कई बार उनके स्कूल फंक्शन में भी जाती थीं. 2013 में उनके निधन के बाद बेटी कैरोल थैचर ने मां के साथ संबंधों पर खुलकर बात की थी. उन्होंने कहा था कि उनकी मां एक मजबूत महिला थीं और उन्हें कई बार लगता था कि वह औसत लोगों को बर्दाश्त नहीं करना चाहती थीं.
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देश की पहली महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी अपने दोनों बेटों संजय और राजीव गांधी से काफी क्लोज थीं. बीबीसी में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, पीएम रहते हुए भी इंदिरा लंच और डिनर परिवार के साथ ही करती थीं. प्रियंका गांधी ने भी यूपी चुनाव प्रचार के दौरान इंटरव्यू में कहा था कि इंदिरा अक्सर अपने पोते-पोतियों के साथ खेलने के लिए वक्त निकालती थीं.