डीएनए हिंदी: वसीयत के बारे में आपने शायद फिल्मों में ही सुना होगा. रियल लाइफ में शायद किसी को वसीयत लिखते ना देखा हो. कानून की नजर में यह एक जरूरी कदम होता है. जानकार मानते हैं कि आज के अनिश्चिता भरे माहौल में हर किसी को अपनी वसीयत जरूर लिखनी चाहिए. जिन लोगों के 1-2 से ज्यादा कानूनी वारिस हों उन्हें तो खासतौर पर इसकी पहल करना जरूरी है. जानते हैं सुप्रीम कोर्ट में वकील अनमोल शर्मा से कि क्या होती है वसीयत, कैसे लिखी जाती है और इसके कानूनी दांव-पेंच क्या हैं-
क्या होती है वसीयत?
वसीयत अपनी संपत्ति का मालिकाना हक देने के लिए एक कानूनी घोषणा होती है. ये वसीयतकर्ता के मरने के बाद लागू होती है. चल और अचल दोनों तरह की संपत्ति की वसीयत की जा सकती है. जो वसीयत करता है उसे वसीयतकर्ता कहते हैं. जिसके पक्ष में वसीयत होती है उसे लाभकर्ता कहा जाता है. यह एक कानूनी रूप से बाध्यकारी दस्तावेज है. यह दस्तावेज सुनिश्चित करता है कि आपकी संपत्ति या संपत्ति के बारे में आपकी इच्छाएं या इरादे सही ढंग से पूरे किए गए हैं.
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कौन लिखता है वसीयत?
अगर आप नाबालिग नहीं हैं और पूरी तरह सेहतमंद हैं तब तक आप भारतीय उत्तराधिकार नियम 1925 के अनुसार एक वसीयत तैयार कर सकते हैं. वसीयत को या तो हाथ से लिखा जाता है या टाइप किया जा सकता है. यदि आपके कई कानूनी उत्तराधिकारी हैं तो वसीयत के अभाव में यह कई जटिलताओं को जन्म दे सकता है. ऐसे में वसीयत लिखना बहुत जरूरी होता है.
वसीयत कैसे लिखें
वसीयत का कोई तय फॉर्मेट नहीं है,लेकिन कुछ कानूनी तत्वों को शामिल करना जरूरी होता है, ताकि बाद में इसका विरोध ना हो. वसीयत लिख रहे हैं तो इन बातों का ध्यान रखें-
1. अपने मन की सुदृढ़ता की घोषणा करके वसीयत लिखने की शुरुआत करें, क्योंकि इसके बिना कोई भी वसीयत कानूनी रूप से बाध्यकाी नहीं हो सकती.
2. लिखें कि आप किसे अपना निष्पादक यानी एग्जीक्यूटर बनाना चाहते हैं. साथ ही बताएं कि किसी भी पिछली वसीयत को निरस्त कर दिया गया है.
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3. संपत्ति, म्युचुअल फंड, बचत खाते का पैसा, एफडी आदि सभी संपत्तियों की लिस्ट बनाएं. यह भी सुनिश्चित करें कि कुछ रह ना गया हो.
4. अपनी संपत्ति को स्पष्ट तरीके से विभाजित करें. यह भी बताएं कि किसको क्या विरासत में मिलेगा.
5. यदि आप किसी अवयस्क (Minor) के लिए कुछ वसीयत में लिख रहे हैं तो ये भी बताएं कि उसका संरक्षक (Custodian) कौन होगा. किसी ऐसे व्यक्ति को चुनें जिस पर आपको भरोसा हो.
6. इन सभी बातों का ध्यान रखने के बाद दो गवाहों के साथ वसीयत पर हस्ताक्षर करें. इन्हें भी यह प्रमाणित करने के लिए हस्ताक्षर की आवश्यकता होगी कि आपने उनकी उपस्थिति में वसीयत पर हस्ताक्षर किए हैं.
7.वसीयत पर हस्ताक्षर किए जाने के बाद तारीख और स्थान के साथ-साथ अपने गवाहों के पूरे पते और नाम जरूर लिखें.
8. यह भी सुनिश्चित करें कि आप और आपके गवाह वसीयत के हर पेज पर हस्ताक्षर करें. यदि आप वसीयत में कोई सुधार करते हैं तो आपको और आपके गवाहों को उस पर प्रतिहस्ताक्षर करना होगा.
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9.वसीयत को सुरक्षित रूप से स्टोर करना याद रखें. यदि आप प्रतियां बनाते हैं तो उन्हें मूल स्थान पर रखने से बचें. आप किसी भी भाषा में वसीयत लिख सकते हैं.
10.वसीयत का क्रियांवयन होने के लिए किसी तरह के स्टांप शुल्क की जरूरत नहीं होती है. याद रखें कि आप एक नई वसीयत को बदल सकते हैं और वापस भी ले सकते हैं. हमेशा आपकी सबसे आखिर में लिखी गई वसीयत की ही मान्यता रहेगी, बाकी सभी पुरानी वसीयत रद्द हो जाती हैं.
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क्यों जरूरी है वसीयत लिखना? क्या है लिखने का सही तरीका? जानें हर सवाल का जवाब